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गूगल की ओर से मिली रिपोर्ट के अनुसार, ‘जारा दासगुप्ता का गूगल एड्रेस पाकिस्तान का है.’ डीआरडीओ की विजिलेंस विंग के प्रमुख ने एटीएस को जो शिकायत दी है, उस में उन्होंने यह भी लिखा था कि संस्था के गेस्टहाउस में वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर से मिलने लड़कियां आती रहती थीं. अब तो प्रदीप ने भी स्वीकार कर लिया है कि वह पाकिस्तानी महिला जासूस के संपर्क में थे.

सुंदर महिलाएं और उन के साथ सैक्स करने की इच्छा आदमी को किस हद तक कमजोर बना देती है, प्रदीप कुरुलकर इस का एक उत्तम उदाहरण हैं. ऐसा नहीं है कि प्रदीप गद्ïदार हैं. वह अपने देश से बहुत प्यार करते हैं. देश की सुरक्षा के लिए वह बहुत कुछ करने की इच्छा भी रखते हैं. पर जारा दासगुप्ता नाम की यह सुंदर युवती पाकिस्तानी जासूस है, यह जानते हुए भी सैक्स के मोहजाल में फंस कर वह देश की सुरक्षा के अति संवेदनशील रहस्य उसे देने के लिए मजबूर हो गए.

प्रदीप कुरुलकर के स्तर को देख कर कोई भी हैरान रह जाएगा कि इस तरह की प्रभावशाली प्रतिभा वाला व्यक्ति एक नीच दरजे के हवसखोर आदमी जैसी हरकत करने की गलती कैसे कर बैठा?

कलाम के साथ काम कर चुके थे कुरुलकर

प्रदीप वर्ष 1988 से लगातार प्रगति करने वाले होनहार वैज्ञानिक हैं. वह इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी हैं. डीआरडीओ में ‘एच’ ग्रेड वैज्ञानिक का ऊंचा स्थान माना जाता है. प्रदीप कुरुलकर डीआरडीओ में ‘एच’ ग्रेड के वैज्ञानिक हैं. ‘एच’ ग्रेड में भी वैज्ञानिकों के 2 ग्रुप होते हैं- आउटस्टैंडिंग वैज्ञानिक और विशिष्ट वैज्ञानिक. प्रदीप कुरुलकर आउटस्टैंडिंग ग्रुप के वैज्ञानिक थे, जो डीआरडीओ में दूसरे स्थान का माना जाता है. केंद्र सरकार में एडिशनल सेक्रेटरी का जो स्थान होता है, वही स्थान प्रदीप कुरुलकर का डीआरडीओ में था.

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