संगीता को भरोसा ही नहीं होता था कि यह वही रंजन है, जो पहली बार प्रेग्नेंट होने की खबर सुन कर कैसे उछलने लगा था और अब 2 बच्चों के बाद एकदो नहीं, बल्कि 5 बार उस का अबौरशन करा चुका था. उस ने कई बार रंजन को समझाने की कोशिश की, पर एवज में हमेशा झिड़कियां और नसीहतें सुनने को मिलीं कि मुझे मत सिखाओ कि मुझे क्या करना है. ऐसे बेरुखे जवाब सुन कर संगीता का पारा और चढ़ जाता था.
संगीता की मजबूरी बड़े होते दोनों बेटे थे, इसलिए अकसर वह चुप रह जाया करती थी. हर रोज की कलह का बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा, यह भी वह खूब समझती थी, पर क्या करे, यह उस की समझ में नहीं आ रहा था. तय था, वह कमजोर पड़ने लगी थी. डगमगाते आत्मविश्वास को वह संभालने की जितनी कोशिश करती, उतनी ही अनुपात में बिखरती भी जाती थी. कल तक जो ऐश्वर्य, वैभव लुभाता था, वही अब उसे काटने लगा था.
पति की सभ्य आवारगी या अय्याशी से समझौता कर लेना संगीता को हार लग रहा था, इसलिए उस ने एक खतरनाक फैसला ले लिया कि क्यों न बच्चों सहित खुदकुशी कर ली जाए या फिर ऐसा कुछ किया जाए, जिस से रंजन को सबक मिले. इस खतरनाक सोच ने दांपत्य की कड़वाहट और बढ़ा दी.
कशमकश की घुटन से या कैद से छुटकारा पाने के लिए संगीता को बेहतर लगा कि कुछ किया जाए और कुछ ऐसे अंदाज में किया जाए कि पति का बदनुमा चेहरा बेनकाब हो जाए. उस की करतूतें दुनिया के सामने आ जाएं और उसे अपने किए की सजा भी मिले. बेटे भी आगे चल कर पिता की राह जाएंगे, यह सोच कर ही उस के अंदर बैठी मां कांप उठती थी. उच्च वर्ग के वैभव व विलासिता पर मध्यमवर्गीय संस्कार भारी पड़ने लगे.
उसी दौरान उस की मुलाकात सतीश कोटवानी से हुई. वह भी कटनी का ही रहने वाला खूबसूरत स्मार्ट युवक था, जिस से संगीता की पहचान फेसबुक के जरिए हुई थी. कब यह परिचय हायहैलो की औपचारिकताएं लांघ कर इतना गहरा गया कि एकदम अनौपचारिक और अंतरंग हो गया, इस का अहसास भी संगीता को अन्य नवयुवतियों की तरह नहीं हुआ.
बात केवल फेसबुक या मोबाइल फोन तक ही सीमित नहीं रही, वह सतीश से मिलने भी लगी थी और मिलने चोरीछिपे न जाना पड़े, इस के लिए उस ने उस के साथ एक जिम और फिर कोचिंग क्लास जौइन कर ली थी. अब कोई खास परदेदारी संगीता और सतीश के बीच नहीं रह गई थी.
इस पर रंजन या ससुराल के किसी दूसरे सदस्य ने ऐतराज नहीं जताया तो यह उन का बड़प्पन ही था. संगीता के पति रंजन से कड़वे रिश्तों की बात जरा भी सतीश से छिपी नहीं रह गई थी. संगीता ने सतीश को जब यह बताया कि वह किस तरह पति को सबक सिखाना चाहती है तो वह अनमना हो उठा. एक अच्छे दोस्त की भूमिका निभाते हुए उस ने संगीता को ऊंचनीच समझाई, पर वह अपनी जिद पर अड़ी रही.
वह 22 दिसंबर का दिन था, जब संगीता दोनों बेटों सहित कार द्वारा कटनी से जबलपुर पहुंची. कार हमेशा की तरह ग्रोवर परिवार का भरोसेमंद ड्राइवर सूर्यप्रकाश पांडेय चला रहा था, जो मैडम के मिजाज को बेहतर समझने लगा था. जबलपुर में दाखिल होते ही संगीता ने ड्राइवर को समदडिया मौल चलने को कह कर यह बता दिया कि वह वहां मैटिनी शो देखेगी.
इसी बीच वह कुछ देर के लिए एक सहेली के साथ रुकी, फिर एक पुराने परिचित की दुकान पर कार रुकवा कर उस ने कुछ दवाइयां खरीदीं. समदडिया ग्रुप महाकौशल इलाके का जानामना नाम है. यह सिविक सैंटर में बना है, जो जबलपुर का अपने आप में एक लैंडमार्क हो गया है. सूर्यप्रकाश ने कार पार्किंग में खड़ी की तो संगीता दोनों बेटों के साथ मौल में चली गई.
सूर्यप्रकाश पांडेय के अंदाजे के मुताबिक संगीता को 5-6 बजे तक वापस आ जाना चाहिए था. लेकिन जब वह 7-8 बजे तक नहीं आई तो उसे चिंता होने लगी. शायद मैडम और बच्चे शौपिंग में लग गए होंगे, यह सोच कर उस ने और इंतजार करना ही मुनासिब समझा. उस ने रात 9 बजे तक इंतजार किया.
10 बजतेबजते सूर्यप्रकाश का सब्र टूटने लगा तो उस ने डरतेडरते संगीता के मोबाइल पर फोन किया तो वह स्विच औफ मिला. कुछ नहीं सूझा तो वह मालकिन को ढूंढने मौल में जा घुसा, पर काफी देर ढूंढने के बाद भी संगीता और बच्चे कहीं नहीं दिखे तो वह घबरा गया. कुछ सोच कर उस ने तय किया कि इस की खबर मैडम की मां सुषमा कोहली को प्रेमनगर स्थित उन के घर जा कर दी जाए.
ऐसा ही उस ने किया भी. बुजुर्ग सुषमा सब कुछ तो नहीं, काफी कुछ बेटीदामाद के संबंधों के बारे में जानती थीं. संगीता गायब है और उस का फोन भी बंद है, यह सोच कर ही वह किसी अनहोनी की आशंका से कांप उठीं और तुरंत ओमती थाने पहुंच कर बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा दी. फोन पर यह खबर दामाद रंजन को भी उन्होंने दे दी. रंजन तुरंत कटनी से जबलपुर के लिए रवाना हो गए.
ओमती थानाप्रभारी अरविंद चौबे का माथा ठनका. क्योंकि मामला एक संभ्रांत करोड़पति परिवार की बहू और 2 बेटों के गायब होने का था, जिस में अपहरण की आशंका भी थी. वह तुरंत समदडिया मौल पहुंचे और किसी सुराग की उम्मीद में गार्डों से ले कर समदडिया मौल के मुलाजिमों से संगीता और उस के बच्चों के बाबत पूछताछ की.