लेकिन कोई खास बात हाथ नहीं लगी, सिवाय इस तसल्ली के कि उन का अपहरण नहीं हुआ है. क्योंकि जबलपुर जैसे बड़े शहर के व्यस्ततम इलाके के मौल से एक साथ 3 लोगों का अपहरण इतनी शांति से संपन्न हो जाना संभव नहीं था. सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि संगीता दोपहर 3 बजे के लगभग मौल के दूसरे दरवाजे से बाहर गई थीं.
पर वह है कहां, इस सवाल का जवाब ढूंढने की चुनौती अब पुलिस वालों के सामने थी. इधर जैसे ही मीडिया वालों को एक धनाढ्य परिवार की बहू के मौल से बगैर कुछ बताए लापता हो जाने की खबर मिली, संगीता और उस के गुमशुदा बेटों को ले कर खासा बवाल मच गया. तरहतरह के सवाल न्यूज चैनल्स पर पूछे जा रहे थे और आशंकाएं भी जताई जा रही थीं. दूसरे दिन के समाचार पत्र भी संगीता ग्रोवर की रहस्यमय गुमशुदगी से रंगे पड़े थे.
संगीता के मायके व ससुराल वालों ने भी उसे खोजना शुरू कर दिया था. परिचितों के अलावा संगीता की सभी सहेलियों से पूछताछ की गई, पर कोई भी उस के बारे में खास जानकारी नहीं दे सका.
दूसरे दिन दोपहर 12 बजे जा कर इस राज से परदा हटा, जब यह अफवाह उड़ी कि संगीता ग्रोवर ने खुदकुशी कर ली है. दरअसल लगभग 12 बजे दोपहर को एसपी कटनी को कोरियर द्वारा संगीता का 12 पृष्ठों का सुसाइड नोट मिला, जिस में विस्तार से संगीता ने अपने ससुर को संबोधित करते हुए अपनी व्यथा लिखी थी और पति रंजन ग्रोवर पर तरहतरह के गंभीर अरोप लगाए थे.