विपिन यादव लवकुश का जिगरी दोस्त था. विपिन चाहता तो अपनी मेहनत और लगन से कोई काम कर के अच्छे पैसे कमा सकता था, परंतु उस ने दोस्त लवकुश की आस्तीन का सांप बन कर ऐसी गहरी साजिश रची कि वह कहीं का रहा... 

इंतजार करतेकरते कई दिन बीत चुके थे, पर लवकुश अभी तक घर लौट कर नहीं आया था. ज्योंज्यों समय बीतता जा रहा था त्योंत्यों नाहर सिंह की चिंता बढ़ती जा रही थी. उन की पत्नी सीमा सिंह भी चिंतित थी. बेटे की याद में उन्होंने खानापीना तक छोड़ दिया था. दरअसल, नाहर सिंह का 20 वर्षीय बेटा लवकुश ड्राइवर था. वह दूध कलेक्शन करने वाली एक कंपनी की गाड़ी चलाता था. कई दिनों से वह घर नहीं आया था. वैसे तो लवकुश रोजाना ही देर रात तक घर वापस जाता था. कभीकभी उसे जब देर हो जाती तो वह घर फोन कर के इस की सूचना दे देता था. लेकिन इस बार तो कई दिन बीत चुके थे. तो वह घर आया और ही उस ने कोई सूचना दी थी.

कहीं लवकुश के साथ कोई अप्रिय घटना तो नहीं हो गई, इस तरह के अनेक विचार नाहर सिंह के मस्तिष्क में घूमने लगे थे. उन्होंने बेटे की खोज में रातदिन एक कर दिया था. रिश्तेनाते में जहां भी वह जा सकता था, फोन कर के उन सभी से पूछासाथी दोस्तों में भी उस की तलाश की. पर उस के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. नाहर सिंह बेटे के बारे में जानकारी लेने के लिए उस की दूध कंपनी भी गए. वहां पता चला कि लवकुश कई रोज से काम पर नहीं रहा है. यह मई, 2018 के अंतिम सप्ताह की बात है. वह कई दिन से ड्यूटी पर नहीं जा रहा है तो आखिर वह गया कहां, यह बात नाहर सिंह की समझ में नहीं रही थी, जब कहीं भी उस का पता नहीं चला तो नाहर सिंह थाना अकबरपुर पहुंच गए. थानाप्रभारी ऋषिकांत शुक्ला को उन्होंने अपने 20 वर्षीय बेटे के कई दिनों से लापता होने की जानकारी दे दी.

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