26 जनवरी, 2017 को इलाहाबाद के यमुनानगर इलाके के थाना नैनी में गणतंत्र दिवस के ध्वजारोहण की तैयारी चल रही थी. इंसपेक्टर अवधेश प्रताप सिंह एवं अन्य पुलिसकर्मी सीओ अलका भटनागर के आने का इंतजार कर रहे थे. उसी समय एक दुबलापतला युवक आया और एक सिपाही के पास जा कर बोला, ‘‘स...स... साहब, बड़े साहब कहां हैं, मुझे उन से कुछ कहना है.’’

इंसपेक्टर अवधेश प्रताप सिंह वहीं मौजूद थे. उस युवक की आवाज उन के कानों तक पहुंची तो उन्होंने उसे अपने पास बुला कर पूछा, ‘‘कहो, क्या बात है?’’

‘‘साहब, मेरा नाम इंद्रकुमार साहू है. मैं चक गरीबदास मोहल्ले में मामाभांजा तालाब के पास रहता हूं. मैं ने अपनी पत्नी और उस के प्रेमी को मार डाला है.’’ इंद्रकुमार के मुंह से 2 हत्याओं की बात सुन कर अवधेश प्रताप सिंह दंग रह गए. उन्होंने उस के ऊपर एक नजर डाली, उस के उलझे बाल, लाललाल आंखों से वह पागल जैसा नजर आ रहा था. चेहरे के हावभाव देख लग रहा था कि वह रात भर नहीं सोया था.

वहां मौजूद सभी पुलिसकर्मी इंद्रकुमार को हैरानी से देख रहे थे. थाना पुलिस कुछ करने का सोच रही थी, तभी सीओ अलका भटनागर भी थाना आ पहुंचीं. इंद्रकुमार द्वारा दो हत्याएं करने की बात सुन वह भी दंग रह गईं. सीओ के इशारे पर अवधेश प्रताप सिंह ने उसे हिरासत में ले लिया.

ध्वजारोहण की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अवधेश प्रताप सिंह इंद्रकुमार को अपनी जीप में बैठा कर उस के घर ले गए. अलका भटनागर भी साथ गईं. इंद्रकुमार पुलिस को उस कमरे में ले गया, जहां पत्नी गीता साहू और उस के प्रेमी रीतेश सोनी की लाशें पड़ी थीं.

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