गांवों में दिनचर्या अमूमन अल सुबह ही शुरू हो जाती है. अंबेडकर नगर माजरा गांव में भी लोग सुबह उठ कर अपने काम में जुटना शुरू हो गए थे, लेकिन उस सुबह का आगाज अच्छा नहीं हुआ, क्योंकि गांव के ही सईद अहमद के घर से रोनेपीटने की आवाजें आने लगी थीं. सईद के परिवार में पत्नी शकीला (50 वर्ष) 3 बेटियां रजिया (20 वर्ष), सुलताना (18 वर्ष), शबाना (15 वर्ष) और 2 बेटे दिलशाद व शमशाद थे.
शमशाद बाहर नौकरी करता था जबकि दूसरा बेटा दिलशाद अपनी पत्नी नसरीन के साथ इसी घर में बने दूसरे कमरे में रहता था. रोने की आवाजें सुन कर लोग दौड़ कर सईद के घर की तरफ पहुंचे तो वहां का मंजर खौफनाक था.
यह देख कर हर किसी के पैरों तले से जमीन खिसक गई. लोगों ने जो कुछ देखा वह उन की कल्पनाओं से जुदा था. एक कमरे में शकीला व उस की 2 बेटियां रजिया व शबाना खून से लहूलुहान मृत पड़ी थीं, जबकि सुलताना कराह रही थी. सईद का वहां कुछ पता नहीं था.
लोगों ने इस की सूचना पुलिस को दी. यह दिल दहला देने वाली घटना उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के शिकारपुर थाना क्षेत्र के गांव अंबेडकरनगर माजरा में 3 मार्च, 2021 की देर रात हुई थी.
दिन निकलते ही तिहरे हत्याकांड की सूचना से पुलिस विभाग में भी हड़कंप मच गया. थानाप्रभारी सुभाष सिंह मौके पर पहुंचे. वारदात की सूचना मिलने पर एसएसपी संतोष सिंह, एसपी (क्राइम) कमलेश बहादुर व सीओ गोपाल सिंह भी वहां आ पहुंचे. पुलिस ने मौका मुआयना किया. मृतकाओं के सिर पर किसी भारी वस्तु से प्रहार किए गए थे.