Mumbai Crime News : करीब 65 वर्षीया सबीरा बानो अपना प्यार और ममता दोनों विवाहित बेटियों रेशमा और जैनबी पर बराबर लुटाती थी. किंतु छोटी बेटी रेशमा को लगता था कि अम्मी उस की बड़ी बहन को अधिक प्यार करती है और उसे दुत्कारती है, उस से द्वेष रखती है. इसे जांचनेपरखने से पहले ही रेशमा ने ऐसा कदम उठाया कि वह जेल की सलाखों के पीछे जा पहुंची. आखिर क्या हुआ? पढ़ें, इस हत्या कथा में...

नए साल 2025 की पहली जुमेरात यानी 2 जनवरी की तारीख थी. शाम होने को आया था. 65 वर्षीया सबीरा बानो छोटी बेटी रेशमा मुजफ्फर काजी के घर गई थी. उस ने दरवाजे पर दस्तक दी और अधखुली किवाड़ को धकेलती हुई घर के भीतर घुस गई. आवाज दी, ''अरे, कहां हो रेशमा... कहां गए सब... कोई दिख नहीं रहा है?’’

''आ रही हूं अम्मीजान, यहीं तो हूं. अब मिली यहां आने की फुरसत!’’ रेशमा रूखेपन से बोली.

''अरे कहां फुरसत है...जैनबी के यहां जाना था, सोचा पहले तुम से मिल लेती हूं.’’ सबीरा बानो शांत भाव से बोली.

''अरे, उसी करमजली के यहां जाती, यहां क्यों आई हो. वही तो तुम्हारी दुलारी बेटी है, मैं कौन हूं...फेंकी हुई!’’ रेशमा शिकायती लहजे में बोलती जा रही थी.

उस की एकएक बात दिल में चुभने वाली थी. बड़ी बहन के खिलाफ नाराजगी साफ झलक रही थी और अपनी अम्मी से रूखे लहजे में बोल रही थी.

''तुम बात समझो, ऐसा कुछ भी नहीं जैसा तुम समझती हो. जैनबी तुम्हारी बड़ी बहन है. जो मन में आता है बोल देती हो. बड़ी बहन को गाली देना ठीक नहीं है.’’ सबीरा ने रेशमा को समझाने की कोशिश की, लेकिन इस का उस पर उल्टा असर हुआ. वह और भी तिलमिला गई. पैर पटकती हुई दूसरे कमरे में चली गई. पीछे से सबीरा भी गई. उसे समझाने की कोशिश करने लगी, ''तुम भी तो मेरी बेटी हो, वह भी है, तुम दोनों हमारे लिए एक जैसी हो. तुम बेकार में अपनी बहन जैनबी के प्रति गिलाशिकवा रखती हो, इस का कोई कारण नहीं है मेरी बच्ची!’’

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