Crime News : विकास दुबे को कांग्रेस, सपा, बसपा और भाजपा सभी के नेताओं ने संरक्षण दिया ओर अपनेअपने हिसाब से पालते रहे. उस वक्त उस से जुड़े नेताओं ने सोचा भी नहीं होगा कि वह भस्मासुर बन जाएगा. सरकार को चाहिए कि विकास दुबे की जांच वहां तक कराए, जहां तक उस की आंतों में नेताओं का पिलाया रस बहता नजर न आए...

2 जुलाई, 2020 की शाम 7 बजे डीएसपी (बिल्हौर) देवेंद्र मिश्रा को सूचना मिली कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे अपने गांव बिकरू में मौजूद है. खबर पाते ही वह सक्रिय हो गए. दरअसल विकास के पड़ोसी गांव मोहनी निवादा निवासी राहुल तिवारी ने थाना चौबेपुर में विकास दुबे के विरुद्ध मारपीट करने, बंधक बनाने, अपहरण तथा जानलेवा हमले की तहरीर दी थी. इस पर थानाप्रभारी विनय कुमार ने 1 जुलाई, 2020 को थाना चौबेपुर में भादंवि की धारा 307 के तहत विकास दुबे व उस के गुर्गों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली और इस की सूचना डीएसपी (बिल्हौर) देवेंद्र मिश्रा को दे दी. अत: उन्हें विकास के गांव में होने की सूचना मिली तो उन्होंने जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करने का फैसला कर लिया.

डीएसपी देवेंद्र मिश्रा ने अपने सर्किल के शिवराजपुर, बिठूर और चौबेपुर के थानाप्रभारियों महेश यादव, कौशलेंद्र प्रसाद सिंह और विनय कुमार को तलब किया, फिर 25000 हजार के इनामी कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को दबोचने की रूपरेखा बनाई. इस के लिए पूरी फोर्स को थाना चौबेपुर में एकत्र किया गया. दबिश के लिए जाने वाली पुलिस पार्टी में 20 पुलिसकर्मियों को सम्मिलित किया गया. इन में तेजतर्रार चौकी इंचार्ज, दरोगा व पुलिस के सिपाही थे. एक होमगार्ड भी था. 2 जुलाई की रात 12 बजे डीएसपी देवेंद्र मिश्रा की अगुवाई में 3 थानों शिवराजपुर, बिठूर और चौबेपुर के थानाप्रभारियों के साथ 20 पुलिसकर्मियों की टीम 2 जीपों में सवार हो कर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए बिकरू गांव को रवाना हो गई.

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