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22 फरवरी, 2023 की शाम के करीब 5 बजे का वक्त था. विवेकानंद सिविल हौस्पिटल साईंखेड़ा में डा. अनन्या चौकसे ओपीडी में मरीजों को देख रही थीं, तभी हौस्पिटल का वार्डबौय नीरज दौड़ते हुए ओपीडी में दाखिल होते हुए बोला, ‘‘मैडम, इमरजेंसी केस आया है, जल्दी से चल कर देख लीजिए.’’ डा. चौकसे ने सामने बैठे मरीजों से थोड़ा इंतजार करने को कहा और अपनी सीट छोड़ कर इमरजेंसी वार्ड की ओर कदम बढ़ा दिए. जैसे ही वह इमरजेंसी वार्ड में दाखिल हुईं तो एक महिला रोते हुए उन से बोली, ‘‘मैडम, मेरी बेटी को बचा लीजिए.’’

डा. चौकसे ने उस महिला की पीठ पर हाथ रखते हुए कहा, ‘‘क्या हुआ है तुम्हारी बेटी को?’’ तभी महिला के साथ आई उस की बड़ी बेटी बोल पड़ी, ‘‘मैम, मेरी छोटी बहन बाथरूम में फिसल कर गिर गई है. उस को गहरी चोट लगी है. प्लीज मैम, जल्दी से इस का इलाज शुरू कर दीजिए.’’

डा. चौकसे की नजर जैसे ही सामने की टेबल पर लेटी युवती पर पड़ी तो उस की हालत देख कर वह चौंक गईं. डा. चौकसे ने पास जा कर 22-23 साल की उस युवती की नब्ज टटोली तो नब्ज गायब थी. चैकअप के बाद डाक्टर ने लडक़ी के साथ आई महिला और उस की बेटी को साफ तौर पर बता दिया, ‘‘माफ कीजिए, आप की बेटी अब इस दुनिया में नहीं है.’’ डाक्टर से इतना सुनते ही महिला और उस के साथ आई युवती दहाड़ मार कर रोने लगीं.

हौस्पिटल लाई गई युवती के गले और चेहरे पर चोट के निशान साफ दिख रहे थे. शरीर पर कई जगह नुकीले हथियार के घाव भी थे. मामले की गंभीरता देखते हुए डा. चौकसे ने थाना साईंखेड़ा में फोन कर के इस की सूचना दे दी. सूचना पर पहुंची पुलिस टीम को हौस्पिटल में मौजूद उस महिला ने बताया कि उस का नाम बबली अवस्थी है और वह नगर परिषद साईंखेड़ा के अग्रसेन वार्ड में रहती है. उस के पति डा. शिवसागर अवस्थी का निधन हो चुका है.

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