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गुलफ्शा की लाश का पोस्टमार्टम 3 नवंबर, 2022 को नहीं हो सका था. उस की हत्या का मामला एसआई अनंगपाल द्वारा वादी के तौर पर 4 नवंबर को थाने में धारा 302, 34 आईपीसी के तहत दर्ज करवाया. हत्या करने वाला अज्ञात था.

इस मामले को खोलने के लिए एसएसपी ने एसएचओ अमित कुमार खारी, इंसपेक्टर सुरेंद्रपाल सिंह, एसआई विनेश कुमार, संजीव सिंह चौहान, अनंगपाल राठी, कांस्टेबल नरेंद्र कुमार और कांस्टेबल इमरान सलमानी की टीम गठित की गई, जिसे अमित खारी के निर्देशन में काम करना था.

एसएचओ का अनुमान था कि गुलफ्शा का कोई चाहने वाला रहा है, जो उस से मिलने रात को चुपके से दरवाजे पर आया, जिसे स्वयं गुलफ्शा ने दरवाजा खोल कर अंदर प्रवेश करवाया.

उन के अनुमान से गुलफ्शा का जिस से टांका भिड़ा था, उसे उस ने ही बुलवाया. उस रात या पहले भी वह इसी प्रकार चोरीछिपे उसे घर में बुलाती रही होगी. वह कल रात भी गुलफ्शा के बुलाने पर आया. किसी बात पर उस का गुलफ्शा से झगड़ा हआ और उस ने गला घोट कर मार डाला.

विचारविमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि टीम के लोग प्रेमी वाले एंगल को ध्यान में रख कर अपनी जांच आगे बढ़ाएंगे.

इस के लिए पड़ोसियों से पूछताछ, गुलफ्शा की सहेलियां और उस का मोबाइल, इन 3 पौइंट्स पर काम करने के लिए टीम थाने से निकल गई. सभी को अलगअलग दिशानिर्देश दिए गए थे.

एसआई सुरेंद्र और विनेश ने नन्हे के पड़ोसियों से गुपचुप तरीके से गुलफ्शा के चरित्र के बारे में पूछताछ शुरू की तो एसआई अनंगपाल मृतका के मोबाइल फोन को हासिल करने के लिए सीधे नन्हे के घर पहुंच गए. फोन से स्थिति काफी साफ हो सकती थी. एसआई संजीव सिंह चौहान और कांस्टेबल नरेंद्र कुमार उन के साथ थे.

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