Bihar News: समस्तीपुर (बिहार) की रहने वाली अस्मिता शराबी पति सोनू झा के जुल्मोसितम से ऊब चुकी थी. इसी बीच बेटे के ट्यूशन टीचर हरिओम को वह दिल दे बैठी. इन दोनों के प्यार ने एक ऐसे अपराध को जन्म दिया कि...
अपनी प्रेमिका अस्मिता झा को उस के पति सोनू झा द्वारा प्रताडि़त करने की बात सुन कर हरिओम का गुस्से में खून खौल गया. वह प्रेमिका को भरोसा देते हुए बोला, ''ठीक है भाभीजी, अब आप परेशान मत हो. मैं जल्दी ही इस का कुछ हल सोचता हूं. अगर तुम्हारे दिमाग में कोई आइडिया हो तो बताओ.’’
''अभी तो कोई आइडिया नहीं आ रहा, लेकिन तुम इस जालिम पति से जल्द से जल्द छुटकारा दिलाओ, तभी हम आराम से अपनी जिंदगी गुजार सकते हैं.’’ अस्मिता बोली.
''भाभीजी, आप चिंता न करो. अब यह काम मेरा है, बहुत जल्दी आप को उस से छुटकारा मिल जाएगा.’’ यह तसल्ली देने के बाद हरिओम अगले दिन आने को कह कर चला गया. लेकिन उस दिन अस्मिता के दिल में कुछ आस जरूर जागी थी. 25 जुलाई, 2025 की शाम को अस्मिता ने हरिओम को फोन पर बताया कि सोनू आज अभी थोड़ी देर पहले ही आटो ले कर घर से निकला है. वह रात देर से ही घर पहुंचेगा. वह तुरंत आ कर उस से मिले. इस जानकारी के मिलते ही हरिओम पागलों की तरह बिना देर लगाए अस्मिता के घर पर जा पहुंचा. उस वक्त अस्मिता का बेटा सो चुका था.
सोनू के घर के दरवाजे के पास ही एक छोटा सा कमरा बना हुआ था, जिस में उस के पापा टुनटुन झा अकेले ही सोते थे. उसी कमरे के पास एक ग्रिल लगा हुआ था, जिस पर रात में ताला लगाया जाता था. उस ताले की एक चाबी सोनू और दूसरी अस्मिता के पास होती थी. सोनू जब कभी भी आता तो वह उस ताले को खोल कर घर में चला जाता था. 25 जुलाई, 2025 को जब सोनू देर से निकला तो अस्मिता को उम्मीद थी कि वह सुबह तक ही घर वापस आ पाएगा, इसी कारण उस ने उस दिन उस ग्रिल में ताला ही नहीं लगाया. ताकि हरिओम बिना किसी आहट के घर में आ सके.






