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1 मई को रूपा ने राहुल से मिलने आने को कहा. राहुल ने इनकार किया तो वह मिन्नत करते हुए बोली, ‘‘प्लीज राहुल आ जाओ, मैं तुम्हें सच बताना चाहती हूं. ऐसा कुछ नहीं है जैसा तुम सोच रहे हो.’’

राहुल तैयार हो गया. रूपा ने इंटरनेट के जरिए 1 मई का ट्रेन से उस का आरक्षण भी करा दिया. उस के साथ वक्त बिताने के लिए उस ने 24 घंटे की छुट्टी भी ले ली. एक दिन पहले रूपा ने मकान मालिक को भी बता दिया कि उस का मंगेतर उस से मिलने के लिए आएगा.

1 मई की दोपहर राहुल उस के पास गया. रूपा बहुत खुश थी. रूपा ने खाना बनाया और दोनों ने साथ खाना खाया. रूपा ने उसे बताया कि किस तरह लोगों ने उस का फायदा उठाने की कोशिश की. चूंकि वे लोग अपने इरादों में नाकामयाब रहे इसलिए उसे भड़का रहे हैं.

इसी बीच रूपा के मोबाइल पर 1-2 लोगों के फोन आए. इंसान के दिमाग में शक हो तो उसे सबकुछ वैसा ही दिखता है, जैसा उस के दिमाग में चल रहा होता है. राहुल के साथ भी यही हुआ. उसे लगा कि उस के पुरुष दोस्तों के फोन हैं और विवाह के बाद भी वह ऐसी ही रहेगी. इस तरह फोन आने पर दोनों के बीच काफी तनातनी हुई. इसी बीच राहुल ने एक खतरनाक निर्णय ले लिया.

दरअसल, रिश्ता होने के बाद एक दिन राहुल ने टीवी पर फिल्म ‘बाजीगर’ देखी थी. फिल्म में शाहरूख खान चालाकी से दुश्मन की बेटी को प्यार के जाल में फंसा कर पहले सुसाइड नोट लिखवाता है फिर उसे छत से फेंक देता है.

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