वह जल्दीजल्दी काले कपड़े की तह को परतदरपरत हटाता गया. जब उस की नजर उस चीज पर पड़ी तो उस के मुंह से एक जबरदस्त चीख निकली और कपड़ा हाथ से छूट कर दूर जा गिरा और वह उल्टे पांव दूर जा खड़ा हुआ. उस पौलीथिन के भीतर काले कपड़े में लपेट कर किसी महिला का कटा सिर रखा था. जिसे देख सुधाकर बुरी तरह डर गया था. डर के मारे ही उस के मुंह से चीख निकल पड़ी थी और कपड़ा हाथ से छूट कर दूर जा गिरा था.
फिर उस ने लाश…लाश चिल्ला कर लोगों को मौके पर जमा कर लिया था. चूंकि वह वक्त सुबह का था और लोग सुबह की सैर पर निकले ही थे इसलिए वहां काफी लोग जमा हो गए. मौके पर पुलिस भी आ गई. सीसीटीवी फुटेज के सहारे पुलिस चंद्रमोहन के घर पहुंच गई.
चंद्रमोहन समझ चुका था कि उस के गुनाहों का घड़ा फूट चुका है और वह बेनकाब हो चुका है. अब सच बता देने में ही भलाई है और वहां से उठा. फिर पुलिस को साथ ले कर किचन में पहुंचा, जहां फ्रिज रखा था. उस ने फ्रिज खोल कर पुलिस को दिखा दिया. फ्रिज के अंदर का नजारा देख कर दोनों पुलिस अधिकारी भौचक रह गए थे. फ्रिज के अंदर कटे हुए दोनों हाथ और पैर रखे हुए थे. यह दृश्य देख कर दोनों की जैसे रूह कांप उठी.
17 मई, 2023 की सुबह सफाई कर्मचारी सुधाकर अपनी ड्यूटी पर था. दूरदूर तक सडक़ की दोनों पटरियों पर बिखरे तिनकों को झाड़ू से बुहार रहा था और अपनी किस्मत को कोस रहा था कि पता नहीं कब तक उसे यह काम करना पड़ेगा. झाड़ू की लाठी पकड़े उस के दोनों बाजू थक चुके थे. झाड़ू लगातेलगाते सुधाकर अफजल नगर कम्युनिटी हाल के सामने मुसी नदी के पास थीगालगुडा रोड के बगल में स्थित कचरा डंप करने की जगह पहुंच गया था.
अचानक उस की नजर कचरा बौक्स के पास पड़ी काली पौलीथिन पर जा टिकी, जो काफी टाइट तरीके से बंधी हुई थी. पौलीथिन देख कर उस का दिल जोरजोर से धडक़ने लगा और मन ही मन खुश होने लगा था कि शायद उस के मन की मुराद पूरी हो रही है. सोच रहा था कि इस पौलीथिन में रुपए या कोई ज्वैलरी होगी. अपनी झाड़ू कचरा बौक्स के सहारे टिका कर सुधाकर घुटने मोड़ कर पौलीथिन के पास जा बैठा और उसे जल्दीजल्दी खोलने लगा.
पौलीथिन इतनी टाइट तरीके से बांधी गई थी कि उसे खोलने में करीब 5 मिनट का समय लग गया था. पौलीथिन की गांठें खुलीं तो देखा उस के भीतर भी काले कपड़े में सामान बंधा है. यह देख कर उस की उत्सुकता और बढ़ गई कि आखिर इस में है क्या जो इतने तरीके से बंधा है.
वह जल्दीजल्दी काले कपड़े की तह को परतदरपरत हटाता गया. जब उस की नजर उस चीज पर पड़ी तो उस के मुंह से एक जबरदस्त चीख निकली और कपड़ा हाथ से छूट कर दूर जा गिरा और वह उल्टे पांव दूर जा खड़ा हुआ. उस पौलीथिन के भीतर काले कपड़े में लपेट कर किसी महिला का कटा सिर रखा था. जिसे देख सुधाकर बुरी तरह डर गया था. डर के मारे ही उस के मुंह से चीख निकल पड़ी थी और कपड़ा हाथ से छूट कर दूर जा गिरा था.
फिर उस ने लाश…लाश चिल्ला कर लोगों को मौके पर जमा कर लिया था. चूंकि वह वक्त सुबह का था और लोग सुबह की सैर पर निकले ही थे इसलिए वहां काफी लोग जमा हो गए. मौके पर जमा तमाशबीन महिला का कटा सिर देख कर उसे पहचानने की कोशिश में जुटे थे, लेकिन उसे कोई पहचान नहीं सका. उस के बाद खुद सुधाकर ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर के घटना की जानकारी दे दी.
चूंकि वह एरिया हैदराबाद के मलकापेट थाना क्षेत्र में पड़ता था. इसलिए वायरलैस से कंट्रोल रूम द्वारा मलकापेट थाने के इंसपेक्टर के. श्रीनिवास को सूचना दी गई तो वह कुछ पुलिसकर्मियों को साथ ले कर मौके पर पहुंच गए. मौके पर जुटी भीड़ पुलिस को देख कर इधरउधर हो गई. पुलिस टीम जांच कार्य में जुट गई थी.
पुलिस ने बरामद किया महिला का सिर
मौके पर जमा भीड़ से इंसपेक्टर के. श्रीनिवास ने कटे सिर की शिनाख्त करानी चाही, लेकिन उसे कोई पहचान नहीं सका. पुलिस ने सिर को अपने कब्जे में ले लिया और बाकी बचे शरीर की तलाश में जुट गई. चारों ओर करीब एक किलोमीटर के दायरे में पुलिस ने शरीर के बाकी हिस्से की तलाश की, मगर वह कहीं नहीं मिला.
फिर इंसपेक्टर श्रीनिवास सिर को ले कर थाने पहुंचे. इस से पहले उन्होंने इस की जानकारी डीसीपी सी.एच. रूपेश (दक्षिण- पूर्वी जोन) और एसीपी (मलकापेट) जी. श्याम सुंदर को दे दी थी. सूचना पा कर दोनों अधिकारी मौके का जायजा लेने के बाद थाने पहुंचे.
डीसीपी और एसीपी ने भी कटे सिर का मुआयना किया तो वह चौंक गए. हत्यारे ने जिस तरीके से सिर धड़ से काट कर अलग किया, उस से लग रहा था कि उस ने उसे काटने में किसी तेजधार वाले हथियार का प्रयोग किया होगा.
अधिकारियों के निर्देश पर इंसपेक्टर श्रीनिवास ने हैदराबाद के सभी थानों को वायरलैस पर मैसेज भेज कर गुमशुदा महिला की रिपोर्ट दर्ज होने के बारे में जानकारी ली. उन्हें किसी भी थाने में न तो किसी महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने की सूचना मिली और न ही किसी महिला की सिरविहीन लाश बरामद होने की जानकारी मिली.
पुलिस के सामने महिला की शिनाख्त कराने की चुनौती थी, क्योंकि पुलिस के पास केवल कटा हुआ सिर था. इस के अलावा मरने वाली की कोई पहचान नहीं थी. उस का नाम क्या है? उस की उम्र क्या है? कहां की रहने वाली थी? कहां से आई थी? ऐसे तमाम सवाल पुलिस के सामने थे, लेकिन उन का कोई जवाब नहीं था.
अगले दिन फिर से पुलिस मृतका का नाम और पता खोजने में जुट गई, लेकिन ये काम इतना आसान नहीं था. ये प्रक्रिया लंबी और जटिल थी. फिर क्या था पुलिस ने उस सिर के फोटो के पैंफ्लेट रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों, उन इलाकों में जहां भी संभावना थी, चिपकवा दिए और थाने का फोन नंबर दे दिया.
यही नहीं, पुलिस ने घरघर जा कर तसवीर दिखा कर लोगों से पूछा कि क्या इस युवती को जानते हैं? इस के अलावा पुलिस ने तसवीर राज्य के 750 पुलिस स्टेशनों में भेजी. साथ ही वाट्सऐप ग्रुप के जरिए भेज कर उस महिला के बारे में पूछा.
डीसीपी सी.एच. रूपेश ने घटना के खुलासे को ले कर 8 टीमें गठित कर दीं. सभी टीमों ने घटना के खुलासे को ले कर दिनरात एक कर दिया, मगर कोई सफलता हाथ नहीं लगी थी. पुलिस जहां से चली थी, फिर वहीं लौट कर आ गई थी. करीब 5 दिन बीच चुके थे.
कुछ तो ऐसा था जो पुलिस की निगाहों से छूट रहा था. 22 मई, 2023 को पुलिस की एक टीम फिर से मुसी नदी के किनारे पहुंची, जहां से कटा सिर बरामद किया गया था. वहां से गुजरने वाली सडक़ों के किनारे लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगालने का फैसला किया गया, जो एक सडक़ को दूसरी सडक़ से जोड़ते थे.
फिर क्या था पुलिस ने एक सप्ताह (10 से 16 मई, 2023 तक) की फुटेज निकाली और उस की गहनतापूर्वक जांचपड़ताल शुरू की. उस में करीब 200 घंटे की फुटेज मौजूद थी. ऐसा इसलिए किया जा रहा था, क्योंकि 17 मई को सिर बरामद हुआ था, पुलिस को अनुमान था कि इस दरम्यान कोई न कोई क्लू जरूर मिल सकता है.