पिता और भाई के पकड़े जाने पर मोहर सिंह इंसपेक्टर उदयराज सिंह से मिला. उस ने उन्हें बताया कि जब वह अपने भांजे पूरन के साथ रचना को विदा करा कर ले आ रहा था तो रचना एक बैग लिए थी, उस में उस ने सफेद कपड़े लपेट कर कोई चीज रख रखी थी. उस बैग को उस ने किसी को छूने नहीं दिया था. उस बैग को ला कर उस ने घर की उस अलमारी में रख दिया था, जिस में 3 हजार रुपए और चांदी के कुछ गहने रखे थे. रचना के साथसाथ रुपए और गहने भी गायब हैं.
मोहर सिंह की बात सुन कर इंसपेक्टर उदयराज सिंह को यह सारा मामला रहस्यमय लगा. इसलिए रहस्य को उजागर करने की जिम्मेदारी उन्होंने एसएसआई शंभू सिंह को सौंप दी.
शंभू सिंह मामले की जांच शुरू करते उस के पहले ही बिहारी को पता चल गया कि जिस दिन से रचना गायब है, उसी दिन से उस का भांजा रामेश्वर भी गायब है. बिहारी को रचना और रामेश्वर के संबंधों का पता था ही, इसलिए उसे लगा कि रचना रामेश्वर के साथ ही भाग गई है.
उस ने यह बात घर वालों को बताई तो घर वाले कुछ लोगों को ले कर रामेश्वर के घर पहुंचे. तब रामेश्वर के घर वालों ने साफ कह दिया कि अब वे लोग रचना को भूल जाएं. इस से साफ हो गया कि रचना रामेश्वर के साथ भागी थी. तब उन्होंने पूरी बात जांच अधिकारी शंभू सिंह को बताई तो उन्होंने अपनी जांच का केंद्र रामेश्वर को बना लिया.