मानवेंद्र सिंह भी बरेली के थाना फतेहगंज (पूर्वी) के गांव निकसुआ का रहने वाला था. आरती के गांव के पास ही मानवेंद्र की ननिहाल थी. वह वहीं पर रह कर पढ़ता था. उस वक्त उस की उम्र भी कम ही थी. मानवेंद्र उस वक्त कक्षा 9 में पढ़ता था. मामा के घर रहते हुए ही उस की जानपहचान आरती से हुई थी.
कुछ समय बाद ही वह जानपहचान दोस्ती में बदली और फिर जल्दी ही दोनों के बीच प्यार हो गया. दोनों ही एकदूसरे को जीजान से चाहने लगे थे. समय के साथ बात यहां तक बढ़ी कि दोनों ने शादी करने का फैसला भी ले लिया था. उन के बीच जल्दी ही शारीरिक संबंध भी बन गए थे.
उन का प्यार ज्यादा दिनों तक समाज की नजरों से छिप न सका. जैसे ही इस बात की जानकारी आरती के घर वालों को हुई तो उन्होंने आरती को समझाने के बाद उस के घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी थी. लेकिन आरती फिर भी मानवेंद्र से मिलने का कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेती थी. वह चोरीछिपे मानवेंद्र से मिलने लगी थी. जब उस के घर वालों को लगने लगा कि वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है तो उन्होंने कम उम्र में ही उस की शादी करने का फैसला किया, जिस से समाज में उन की नाक न कटे.
उसी दौरान घर वालों ने 2019 में आरती की शादी बरेली जिले के शिवपुरी में रहने वाले रामवीर से कर दी. शादी के बाद आरती तो अपनी ससुराल चली आई थी. लेकिन मानवेंद्र सिंह के सपने टूट गए. प्रेमिका की तड़प में उस की हालत पागलों जैसी हो गई. उस ने कभी सोचा भी नहीं था कि उस के साथ जीनेमरने का वादा करने वाली उस की प्रेमिका एक दिन उसे बीच मंझधार में छोड़ कर यूं चली जाएगी. इस के बाद भी मानवेंद्र को उम्मीद थी कि वह एक न एक दिन वापस आएगी और फिर वह उसी के साथ शादी करेगा.
अनचाहा पति था रामवीर
आरती शादी के बाद जितने दिन भी ससुराल में रही, वह खुश नहीं रही. जबकि कई बार रामवीर ने उस से उस की परेशानी का कारण पूछने की कोशिश भी की, लेकिन उस ने अपना मुंह पूरी तरह से बंद ही रखा. शादी के बाद अनचाहे पति के साथ रात काटना उस की मजबूरी बन गई थी.
उस की शादी को काफी समय हो गया, लेकिन उस के दिल में रामवीर के लिए बिलकुल भी जगह नहीं बन पाई थी. हालांकि बाद में रामवीर को भी पता चल गया था कि वह मानवेंद्र के साथ शादी करना चाहती थी, लेकिन उस के घर वालों ने उस की मरजी के बिना ही उस की शादी उस के साथ कर दी थी.
शादी के कुछ समय बाद आरती एक बच्चे की मां भी बनी, लेकिन उस बच्चे का प्यार भी उसे उस परिवार से नहीं जोड़ पाया. रामवीर को उम्मीद थी कि आरती कुछ ही दिनों में मानवेंद्र को पूरी तरह से भूल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
रामवीर शादी के कुछ ही दिनों बाद दिल्ली में काम करने चला गया. उस के जाते ही आरती ने मानवेंद्र को अपने घर बुलाना शुरू कर दिया था. ससुराल वालों को मानवेंद्र का आनाजाना खलने लगा तो उन्होंने आरती की शिकायत रामवीर से की. रामवीर उस की हरकतों से पहले ही परेशान था. फिर भी उस ने आरती को समझाने की कोशिश की, लेकिन आरती उस की एक बात भी सुनने का तैयार न थी.
इस बात को ले कर आरती और रामवीर में आए दिन कहासुनी होने लगी. यही नहीं, वह हर रोज ही ससुराल वालों की नजरों से बचते बचाते फोन पर प्रेमी मानवेंद्र से बात करती रहती थी. उसी सब के चलते रामवीर और आरती में विवाद रहने लगा था.
उसी दौरान आरती एक दिन मानवेंद्र से मिली और कहा, “इस वक्त रामवीर मुझे कुछ ज्यादा ही परेशान कर रहा है. वह तुम्हारे पर शक कर के तुम से मिलने को मना करता है. अब यह सब बरदाश्त के बाहर हो गया है. तुम्हें पता है कि मैं तो तुम्हीं से शादी करना चाहती थी, लेकिन मेरे घर वालों ने मेरी शादी उस बैल के साथ कर दी. इस में मेरा तो कोई दोष है नहीं.
“मैं ने तुम से पहले ही घर से भाग कर शादी करने को कहा था. लेकिन तुम हिम्मत नहीं जुटा पाए. इस के बावजूद मैं आज तक तुम्हें ही अपना पति मानती हूं. क्या तुम अपनी पत्नी के लिए एक छोटा सा काम नहीं कर सकते.’’
आरती की बात सुन कर मानवेंद्र ने कहा, “मैं भी कई साल से तुम्हें पाने के लिए तरस रहा हूं. बताओ, मुझे तुम्हें पाने के लिए क्या करना होगा?’’
“तुम्हें पता है कि रामवीर हम दोनों की मंजिल का कांटा है. मुझे पाने के लिए तुम्हें उस कांटे को हमेशा हमेशा के लिए दूर करना होगा.’’
आरती की बात सुनते ही मानवेंद्र सहम गया. फिर पल भर में उस ने कहा, “आरती, यह सब तो मैं नहीं कर पाऊंगा. अगर तुम चाहो तो अभी भी हमारे सामने एक रास्ता है, हम दोनों घर से भाग चलते हैं. फिर कहीं भी जा कर गुजरबसर कर ही लेंगे. कुछ समय गुजरने के बाद रामवीर भी तुम्हें भूल जाएगा. फिर हम दोनों घर वापस आ जाएंगे.’’
“नहीं, मैं घर से भाग कर तुम्हारे साथ शादी नहीं कर सकती. लगता है कि तुम मुझे पहले जैसा प्यार नहीं करते. अगर मुझे आज भी पहले की तरह प्यार करते तो यह कायरों वाली भाषा नहीं बोलते. अगर तुम्हें रामवीर की हत्या भी करनी पड़ी तो कुछ समय की जेल हो जाएगी. फिर मैं ही तुम्हें जेल से बाहर निकाल लाऊंगी. क्या तुम मेरे प्यार की खातिर जेल नहीं जा सकते?
“अगर तुम मुझे आज भी थोड़ा सा प्यार करते हो तो तुम रामवीर को किसी भी तरह से खत्म कर डालो. फिर हम दोनों शादी कर लेंगे. यदि तुम यह सब नहीं कर सकते तो आज के बाद मुझ से मिलने की कोई जरूरत नहीं,’’
आरती ने मानवेंद्र को हिम्मत जुटाते हुए बताया, “तुम उस की हत्या करने से डरो नहीं. मैं तुम्हें उस की हत्या करने का एक ऐसा रास्ता बताऊंगी कि कोई भी हम पर शक नहीं कर पाएगा.’’