शादी के बाद रंजना विनोद को साथ ले कर कई बार अपने घर आई थी. विनोद का परिचय उस ने मांबाप से खिलाड़ी मित्र के रूप में कराया था. एकदो दिन घर रह कर वह विनोद के साथ लौट जाती थी. विनोद को जीवनसाथी चुन कर रंजना खुश थी. वह भी उसे खुश रखने के लिए पैसा पानी की तरह बहाता था.
जिस सच्चाई को विनोद छिपा रहा था, आखिरकार एक दिन उस की कलई रंजना के सामने खुल ही गई. विनोद की सच्चाई खुलते ही रंजना के ख्वाबों का महल रेत के महल के समान भरभरा कर ढह गया. विनोद इतना बड़ा धोखा देगा, उस ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. इस के बाद रंजना ने विनोद से दूरियां बना लीं.
अपनी गलतियों पर परदा डालने के लिए विनोद ने रंजना से संपर्क कर के उसे भरोसा दिलाने की काफी कोशिश की, लेकिन रंजना उस की चिकनीचुपड़ी बातों में नहीं आई. इतना ही नहीं, वह अपना मोबाइल उस से वापस लेने की जिद पर अड़ गई. मोबाइल में उस की जिंदगी का अहम राज छिपा था, जबकि विनोद उसे मोबाइल लौटाने से इनकार कर रहा था.
मोबाइल न मिलने से रंजना काफी परेशान थी. एक दिन रंजना अपनी बड़ी बहन विमला के यहां गई. वह काफी परेशान और उदास थी. उस की परेशानी और उदासी देख कर विमला से रहा नहीं गया. उस ने इस का कारण पूछा तो रंजना की आंखों से आंसू टपकने लगे और वह बहन के गले लिपट कर रोने लगी. विमला समझ नहीं पाई कि आखिर ऐसी क्या बात है.