प्रीति को मंहगा पड़ा पुजारी से प्रेम
भोपाल की छोला मंदिर पुलिस की पूछताछ में प्रीति की सनसनीखेज हत्या करने के पीछे की जो कहानी सामने आई ,वह एक शादीशुदा युवक के दूसरी शादीशुदा महिला से प्रेम संबंधों की कहानी थी.
भोपाल के भानपुर इलाके में छोला मंदिर की लीलाधर कालोनी निवासी 38 साल के मनोज शर्मा की शादी प्रीति से सन 2014 में हुई थी. 28 साल की प्रीति कटनी जिले की रहने वाली थी. दोनों की उम्र में 10 साल का अंतर था. दरअसल, प्रीति की कमर की हड्डी बाहर निकली (उभरी) हुई थी, इस वजह से उस का रिश्ता नहीं हो पा रहा था.
जब भी कोई रिश्ते की बात चलती तो प्रीति के परिवार से जलने वाले लोग उस के खिलाफ लडक़े वालों को भडक़ा देते. लोग अकसर यही कहते कि उस की कमर की हड्डी निकली हुई है, वह कभी मां नहीं बन पाएगी. कभी कहते कि वह पति को सुख नहीं दे पाएगी.
इस बीच प्रीति के लिए भोपाल के मनोज का रिश्ता आया. प्रीति में शारीरिक रुप से कमजोरी थी और मनोज की पहली पत्नी उसे छोड़ चुकी थी. दोनों ने अपनी कमियों के चलते इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया और 2014 में उन की शादी हो गई.
मनोज भोपाल में अपने बड़े भाई फूलचंद्र के साथ ही रहता था. जब शादी हुई तो प्रीति भी इस परिवार का हिस्सा बन गई. सब कुछ ठीक चल रहा था. इस बीच मनोज और प्रीति के 2 बच्चे भी हो गए. मनोज के घर उस की बुआ के बेटे के साले रामनिवास मिश्र का आनाजाना शुरू हुआ. रामनिवास दुर्गा मंदिर में पुजारी था. दोनों लगभग हमउम्र थे तो दोनों की ठीकठाक पटती थी.
देवरभाभी का रिश्ता होने की वजह से उन के बीच हंसीमजाक चलती रहती थी. मनोज ने कभी इस नजदीकी को प्रेम प्रसंग की दृष्टि से नहीं देखा, अलबत्ता यही सोचा कि रिश्तेदारी में हंसीठिठोली चलती रहती है. इसी बात का फायदा रामनिवास ने उठाया. मनोज की माली हालत भी इतनी अच्छी नहीं थी कि वह प्रीति को खुश रख पाता. प्रीति का मन भी अपने से उम्र में 10 साल बड़े मनोज से हट चुका था.
शादीशुदा रामनिवास मंदिर में पुजारी था, उस के मंदिर में रोज अच्छी खासी रकम चढ़ावे के रूप में आती थी, जिसे वह प्रीति पर लुटाने लगा था.
एक दिन दोपहर के वक्त मंदिर के पूजापाठ से लौट कर रामनिवास ने प्रीति के दरवाजे पर दस्तक दी तो प्रीति उस समय बाथरूम से नहा कर निकली थी. उस ने अंदर से आवाज देते हुए कहा, “कौन है? आ रही हूं.”
बाहर से कोई आवाज न मिली तो प्रीति समझ गई कि रामनिवास होगा. प्रीति ने जैसे ही दरवाजा खोला तो सामने प्रीति के रूप सैंदर्य को देख कर रामनिवास अपना आपा खो बैठा. प्रीति झीने गाउन में थी, जिस में से उस के उभार दिखाई दे रहे थे. उस के खुले हुए बाल और पहनावे ने प्रीति की खूबसूरती में चारचांद लगा दिए थे.
मनोज उस समय अपने काम पर निकल गया था और प्रीति के बच्चे स्कूल गए हुए थे. मौके की नजाकत देखते ही रामनिवास दिल की बात जुबां पर लाते हुए प्रीति से बोला, “भाभी, तुम तो गजब ढा रही हो, तुम्हें देख कर तो अच्छेअच्छों का ईमान डोल जाए.”
अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनते हुए प्रीति बोली, “इतनी खूबसूरत होती तो तुम्हारे भैया पलकों पर बिठाते मुझ को.”
“क्या कह रही हो भाभी, मुझे तो यकीन ही नहीं होता है कि मनोज भैया तुम्हारी खूबसूरती पर नहीं मरते. मेरा बस चले तो मैं इस जवानी पर अपना सब कुछ लुटा दूं.” रामनिवास प्रीति का हाथ अपने हाथों में लेते हुए बोला.
“बस एक तुम्हीं तो हो जो मेरी भावनाओं को समझते हो,” प्रीति प्यार से बोली.
रामनिवास ने प्रीति का रुख भांपते ही उसे बाहों में भर लिया और प्रीति के होठों पर अपने होंठ धर दिए. प्रीति के शरीर की तपिश से रामनिवास अपने आप पर काबू नहीं कर सका. उस ने प्रीति को गोद में उठाया और कमरे में पड़े पलंग पर लिटा दिया. वह एकएक कर के प्रीति के जिस्म के कपड़ों को हटाता गया. दोनों वासना के तूफान में गहरे तक बह गए. शारीरिक भूख जब शांत हुई तो अपनेअपने कपड़े ठीक करते हुए वो कमरे से बाहर निकले. इस के बाद जो दोनों के प्रेमालाप का यह सिलसिला शुरू हुआ तो वह लगातार चलता रहा.
पति ने नाता तोड़ा
मगर कहते हैं कि इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते. दोनों के प्रेम संबंधों की भनक आखिरकार मनोज के कानों तक पहुंच ही गई. मनोज को आसपास रहने वाले किराएदारों और कुछ हितैषी पड़ोसियों ने बताया कि तुम्हारे घर से निकलते ही रामनिवास यहां अकसर आता रहता है. मनोज के एक मित्र ने मनोज को आगाह करते हुए कहा, “दोस्त, भाभी और रामनिवास को ले कर कालोनी में तरहतरह की चर्चाएं हो रही हैं, तुम्हें बहुत सावधान रहने की जरूरत है.”
अपनी पत्नी के प्रेम संबंधों की जानकारी लगते ही मनोज के मन में शंका पैदा हो गई. मनोज ने प्रीति को प्यार से समझाते हुए कहा, “प्रीति, तुम्हें पता है कि कालोनी में तुम्हारे और रामनिवास के बारे में किस तरह की बातें की जा रही हैं? रामनिवास का रोजरोज घर पर आना ठीक नहीं है.”
इतना सुनते ही प्रीति आवेश में आ गई और पति को उलाहना देते हुए बोली, “तुम मुझ पर बेवजह शक कर रहे हो. रामनिवास तुम्हारी बुआ का लडक़ा है, आखिर उसे घर आने से तुम क्यों नहीं रोकते.”
मनोज ने रामनिवास को भी समझाने की कोशिश की तो उस ने मनोज को यही भरोसा दिलाया कि पड़ोसियों ने प्रीति को नीचा दिखाने के लिए झूठ में ही यह कहानी गढ़ ली, उन के बीच ऐसा कुछ भी नहीं है.
रामनिवास और प्रीति के अंतरंग संबंधों ने अब मनोज और उस की पत्नी के बीच के विश्वास की डोर को तोड़ दिया था. इस बात को ले कर अकसर दोनों के बीच झगड़ा होने लगा. जब प्रीति दूसरी बार प्रेग्नेंट हुई तो प्रीति ने चहकते हुए मनोज को बताया, “मैं फिर से मां बनने वाली हूं.”
मगर मनोज के चेहरे पर कोई खुशी नहीं झलकी. मनोज ने प्रीति पर लांछन लगाते हुए कहा, “तुम्हारे पेट में जो बच्चा पल रहा है, वह मेरा खून नहीं है. यह बच्चा रामनिवास के पाप की निशानी है.”
प्रीति ने भी मनोज को खरीखोटी सुनाते हुए साफ कह दिया, “तुम्हें यकीन न हो तो डीएनए टेस्ट करवा लो, अगर ये बच्चा तुम्हारा नहीं हुआ तो मुझे जो चाहे सजा देना.”
पतिपत्नी के बीच के संबंध इस कदर दरक चुके थे कि जब प्रीति का सातवां महीना चल रहा था, तभी एक दिन मनोज और प्रीति के बीच झगड़ा हो गया और मनोज ने प्रीति को घर से निकाल दिया. प्रीति मायके पहुंच गई. प्रीति के घरवालों ने मनोज को समझाने का बहुत प्रयास किया, मगर मनोज प्रीति को अपनाने को कतई तैयार नहीं हुआ.