पत्नी क्यों बनी पति की जान की दुश्मन
पुलिस ने स्कूल से बंटी का एड्रेस ले कर उस के गांव अडिंग में जा कर उसे तलाश किया गया तो मालूम हुआ कि बंटी कई दिनों से गांव में नहीं आया है. गांव में उस का पिता शोभाराम, बंटी की पत्नी और बच्चे रह रहे थे.
बंटी के बारे में शोभाराम ने बताया कि बंटी अपनी तनख्वाह का एक हिस्सा घर में पत्नी को भेजता है, बाकी अपने खानेपीने के लिए रख लेता है. उसे अब अपनी बीवी और बच्चों से कोई मोह नहीं रह गया है. वह फरीदाबाद में ही किराए का कमरा ले कर रहता है. वहां पर कहां रहता है, यह उस ने कभी नहीं बताया.
इन बातों का अर्थ यह निकाला गया कि बंटी ने अपना घरपरिवार बबीता के साथ आशनाई में छोड़ दिया है. वह बबीता को प्यार करता है. दीपक कुमार ने बंटी के फरीदाबाद वाले किराए के घर को तलाश कर लिया, लेकिन बंटी उस घर में भी नहीं था. वह 2-3 दिन से उस घर में नहीं आया था.
बंटी अब पूरी तरह पुलिस के शक के दायरे में आ गया था. उस को पकडऩे के लिए एसीपी अमन यादव ने मुखबिर लगा दिए.
इस का नतीजा भी सार्थक निकला. 17 अगस्त, 2023 की सुबह उसे मथुरा के गांव बुढ़ैना स्थित चंदीला चौक से गिरफ्तार कर लिया गया. उसी दिन उसे कोर्ट में पेश कर के 25 अगस्त तक के लिए रिमांड पर ले लिया गया.
क्राइम ब्रांच डीएलएफ के रिमांड रूम में बंटी को लाया गया तो एसीपी अमन यादव के तेवर देख कर वह कांपने लगा. एसीपी भांप गए कि यह बगैर सख्ती के अपना मुंह खोल देगा.