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जब दोनों का कहीं पता नहीं चला तो उन्होंने भी थाने में उन के लापता होने की सूचना दर्ज कराई. अब एक ही मामले के 2 अलगअलग थानों में सूचना दर्ज हो चुकी थी. फिर भी पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया था. इस बीच जिले की पुलिस की रूटीन ट्रांसफर पोस्टिंग होती रही. इसी दौरान पुलिस कमिश्नर दिगंता बाराह की जिले में पोस्टिंग हुई थी.

पुलिस कमिश्नर दिगंता बाराह ने जिले की कमान संभालने के बाद पुराने और पेंडिंग केसों की एनालिसिस के लिए उन की फाइलें मंगवाईं. उन्हीं फाइलों के बीच में धूल फांक रही अमर ज्योति डे और शंकरी डे की गुमशुदगी की भी फाइलें पड़ी मिली थीं, जिस में एक ही गुमशुदगी की घटना 2 अलगअलग थानों में दर्ज थी, जोकि पुलिस के सामने चुनौती बनी हुई थी. धीरेधीरे 6 महीने का समय बीत गया. जांच के नाम पर पुलिस जहां थी, घूमफिर कर फिर वहीं आ कर खड़ी थी. मतलब 6 महीने बाद भी अमर ज्योति डे और शंकरी डे केस का कोई हल नहीं निकल सका था.

मामा के खिलाफ लिखाई रिपोर्ट...

जनवरी 2023 के प्रथम सप्ताह में वंदना कलिता ने नूनमति थाने में तहरीर दे कर सास शंकरी डे के ममेरे भाई यानी राजेश डे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की. वंदना ने रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि उस के ममेरे ससुर राजेश डे ने सास शंकरी डे के एकाउंट से एक बड़ी रकम निकाली है. ये सुन कर पुलिस के होश उड़ गए. इंसपेक्टर दीपक ने इस चौंकाने वाली घटना की जानकारी पुलिस कमिश्नर दिगंता बाराह को दी तो उन्होंने मामले की जांच कर उन्हें रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया.

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