शालू शिवम से ज्यादा छैलछबीला और कम उम्र का था, इसलिए सीमा ने शिवम को दिल से निकाल दिया और शालू को दिल में बसा लिया. इस के बाद सीमा ने शिवम मिश्रा से दूरियां बनाना शुरू कर दीं.
सीमा का यह व्यवहार शिवम मिश्रा उर्फ बांगरू को खलने लगा. बेचैन हो कर उस ने गुप्त रूप से पता किया तो उस के आश्चर्य का ठिकाना न रहा. उसे पता चला कि उस के दोस्त शालू ने उस की पीठ में प्यार का खंजर घोंपा है. उन दोनों के बीच शालू आ गया है, इसलिए सीमा उसे भाव नहीं दे रही है.
शिवम मिश्रा उर्फ बांगरू मन ही मन शालू को दुश्मन समझने लगा. शिवम मिश्रा को शालू अब कांटे की तरह खटकने लगा था. शिवम जब भी सीमा को फोन करता, वह उसे भूल जाने की सलाह देती, जबकि शिवम उसे छोड़ने को कतई तैयार न था.
सीमा को ले कर अब शिवम और शालू की दोस्ती में गांठ पड़ गई थी. दोनों में झगड़ा और मारपीट भी शुरू हो गई थी. शिवम ने कई बार सीमा को भी समझाया, लेकिन उस ने अपना रवैया नहीं बदला.
एक रोज शिवम आटो ले कर मोतीझील से हो कर गुजरा तो उस ने सीमा और शालू को मोतीझील उद्यान में हंसते हुए देखा. मोतीझील मैट्रो स्टेशन पर सवारी उतारने के बाद शिवम उन दोनों के पास आ गया.
शिवम को देख कर सीमा घबरा गई. शिवम ने सीमा से घर चलने को कहा. लेकिन वह शिवम के साथ जाने के बजाय शालू की मोटरसाइकिल पर बैठ कर उस के साथ फुर्र हो गई. यह बात शिवम को चुभ गई. उसे लगा कि यह सब शालू के कारण ही हो रहा है. अत: उसी पल उस ने शालू को ठिकाने लगाने की ठान ली.