romantic story in hindi : प्रौपर्टी डीलर गीता शर्मा और एडवोकेट गिरिजाशंकर पाल के फेमिली वालों को उन के अंतरजातीय प्रेम संबंध पर कोई आपत्ति नहीं थी और लिवइन में रहने पर कोई शिकायत भी नहीं थी. दोनों परिपक्व थे, प्रोफेशनल थे. पतिपत्नी नहीं थे, फिर भी गीता का नौमिनी बन कर प्रेमी ने एक करोड़ रुपए का इंश्योरेंस करवा रखा था. आपस में लाखों का लेनदेन करते थे. फिर क्या हुआ, जो गीता की रक्तरंजित लाश बीच सड़क पर पाई गई. पढ़ें, नए जमाने की लंबी चली प्रेम कहानी, जिस का अंत चौंका गया...

दोपहर का वक्त था. तारीख थी 18 जनवरी, 2025. रोजाना की तरह लंच करने के बाद प्रौपर्टी डीलर गीता शर्मा लखनऊ के पीजीआई स्थित नीलगिरी अपार्टमेंट में बने अपने औफिस में आ गई थी. कुछ परेशान लग रही थी. कभी मोबाइल फोन को हाथ में लेती तो कभी सामने लैपटौप की स्क्रीन पर खुले वाट्सऐप मैसेज को स्क्राल करने लगती. अंदर की बेचैनी उस के हावभाव से साफ झलक रही थी. दरअसल, गीता शर्मा कई दिनों से परेशान चल रही थी. गिरिजा न तो उस के उधार के पैसे लौटा रहा था और न ही उस का फोन उठा रहा था. उस से लाखों रुपए लेने थे. वह कोई गैर नहीं, बल्कि उस का प्रेमी था.

सालों से लिवइन में भी था. हालांकि वे अलगअलग रहते थे. जब से उस ने शादी की जिद की थी, तब से कारोबारी लेनदेन में बाधाएं आने लगी थीं. औफिस में अकेली बैठी हुई काफी समय तक वह खयालों में खोई रही. अचानक उस का मोबाइल फोन बज उठा. वीडियो काल था. स्क्रीन पर दिखे चेहरे को देखते ही एकाएक मुसकरा उठी और बोली, '' हैलो!’’

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