व्यापारी बन कर पहुंचा लियोनार्डो
लियोनार्डो इसी कौफी शौप में बैठ कर एंटवर्प डायमंड सेंटर और उस में आनेजाने वालों को देखा करता था. वह देखता कि लोग पूरे दिन बैग या जेब में हीरे ले कर आते हैं या ले कर जाते हैं. वह हर चीज को गौर से देखता और समझने की कोशिश करता.
लियोनार्डो उस कौफी शौप पर महीनों बैठ कर यह सब देखता और समझता रहा. दिन में ही नहीं, रात में जब डायमंड सेंटर बंद हो जाता, तब भी वह वहां जा कर उसी कौफी शौप में बैठ कर देखता कि रात में यहां कैसी हलचल रहती है. कई महीने उस ने सिर्फ इस डायमंड सेंटर पर नजर रखने में बिता दिए.
इतने दिन बीत जाने के बाद उसे लगा कि बिना इस डायमंड सेंटर के अंदर दाखिल हुए इस के बारे में जानना और चोरी करना संभव नहीं है. क्योंकि सेंटर के अंदर की कोई भी जानकारी उसे नहीं मिल पा रही थी. उसे लगा कि अब इस के अंदर जाना ही पड़ेगा.
उस ने पता किया कि इस के अंदर कैसे जाया जा सकता है? उसे पता चला कि इस के अंदर हीरा व्यापारी बन कर ही जाया जा सकता है और इस के लिए सेंटर में एक दुकान या औफिस लेना पड़ेगा.
डायमंड सेंटर के अंदर प्रवेश करने के लिए लियोनार्डो ने हीरा व्यापारी बन कर एक छोटा सा औफिस किराए पर ले लिया. अंदर जाने पर हीरा व्यापारी सेंटर में कहीं भी आ और जा सकते थे, लेकिन वे कैमरा या मोबाइल बिलकुल नहीं ले जा सकते थे. वे कोई फोटो वगैरह भी नहीं खींच सकते थे.