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शादी के एक साल बाद आरती ने एक बेटे को जन्म दिया. गौरव सुबह ही टैंपो ले कर निकल जाता था. आरती जब कोई सामान आदि खरीदने बाजार जाती तो आतेजाते कुछ लड़के उसे छेड़ा करते थे. उस ने यह बात पति को कई बार बताई, लेकिन उस ने यह कह कर आरती को चुप करा दिया कि वे लड़के आवारा किस्म के हैं. उन से झगड़ा कर के दुश्मनी मोल लेना ठीक नहीं है. तुम उन की बातों पर ध्यान ही मत दो. एक न एक दिन वे अपने आप शांत हो जाएंगे.

पति की बातें सुन कर आरती चुप तो रह गई, लेकिन उसे गौरव पर गुस्सा भी आया. वह सोचती कि पता नहीं कैसे डरपोक के पल्ले बंध गई, जो उन लोगों से कुछ कहने के बजाय उलटा उसे ही चुप रहने को कहता है. ऐसा एक बार नहीं, बल्कि कई बार हुआ. आरती के पड़ोस में राजू नाम का युवक रहता था. पास में रहने की वजह से दोनों एकदूसरे से बातें करते रहते थे. राजू के घर उस के दोस्त नीरज और मुकीम भी आते रहते थे. 25 साल का मुकीम अपने शरीर का बहुत ध्यान रखता था. वह जिम भी जाता था. इलाके में उसे लोग ‘बौडीगार्ड’ के नाम से जानते थे.

आरती ने राजू के मुंह से कई बार मुकीम का नाम सुना था. यह भी कि वह बहादुर है. एक दिन उस ने राजू से कह कर मुकीम को अपने घर बुलवाया और उसे आवारा लड़कों द्वारा छेड़ने वाली बात बताई.

आरती सुंदर तो थी ही, उसे देखते ही मुकीम का मन भी डोल गया. उस ने आरती की तरफ चाहत भरी नजरों से देखा तो आरती ने भी उस की नजरों में अपनी नजरें उतार दीं. उस ने नजरों के जरिए उसे अपने दिल में बसा लिया. वह मन ही मन सोचने लगी, ‘काश ऐसा ही कोई बांका जवान मेरा जीवनसाथी होता तो कितना अच्छा होता.’

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