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2 दिन बीत चुके थे, लेकिन कृष्ण कुमार अभी तक घर नहीं आए थे. उन का फोन भी नहीं लग रहा था, इसलिए घर के सभी लोग परेशान  थे. किसी की समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि आखिर वह गए तो कहां गए. कृष्ण कुमार दिल्ली के धौलाकुआं स्थित डिफेंस सर्विस औफिसर इंस्टीट्यूट की कैंटीन में नौकरी करते थे. उन की पत्नी मीनू उन का पता लगाने के लिए 31 दिसंबर की सुबह बेटे के साथ धौलाकुआं  स्थित मिलिट्री कैंटीन पहुंची. वहां उन्होंने अपने पति के बारे में मालूमात की तो पता चला कि वह 29 दिसंबर, 2013 को ड्यूटी पर आए थे.

इस के बाद वह वहां नहीं आए. यह पता चलने पर वे और ज्यादा परेशान हो गए. उन्हें ले कर उन के मन में तरहतरह के खयाल आने लगे. बिना इसलिए समय गंवाए वे धौलाकुआं पुलिस चौकी पहुंच गए और कृष्ण कुमार के गायब होने की सूचना दर्ज करवा दी. सूचना दर्ज करने के बाद पुलिस ने कृष्ण कुमार को तलाशने की जरूरी काररवाई शुरू कर दी.

घर पहुंचने के बाद कपिल ने अपने सभी रिश्तेनातेदारों के घर फोन कर के पिता के बारे में पता किया. लेकिन उन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. कपिल घर में था. उसे किसी परिचित से पता चला कि लोनी थाना क्षेत्र में किसी अज्ञात आदमी की लाश मिली है.

यह खबर मिलते ही कपिल और उस के परिवार वाले शाम 7 बजे थाना लोनी पहुंच गए. उन्होंने वहां मौजूद एसएसआई संजीव कुमार शुक्ला से बात की तो उन्होंने अपने मोबाइल फोन से ली गई एक फोटो दिखाई. वह फोटो उस अज्ञात आदमी की लाश की थी, जो उन्होंने आज सुबह किशन विहार फेज-2 से बरामद हुई थी. उन के मोबाइल फोन में फोटो देखते ही परिवार वालों के पैरों तले से जमीन खिसक गई. सभी रोने लगे.

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