एल्विश के खिलाफ नोएडा सेक्टर-49 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 48ए, 49, 50, 51 और भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 120बी (अपराध की साजिश में शामिल) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में कहा गया है कि उस के द्वारा रेव पार्टी में जहरीले सांपों को लाया जाता था, साथ ही विदेशी लड़कियां भी इस पार्टी में शामिल होती थीं.
आईपीसी की धारा 120बी की बात की जाए तो इस के तहत 6 महीने की सजा या जुरमाना या दोनों हो सकते हैं. वहीं वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की अलगअलग धाराओं के तहत दर्ज मामलों की बात करें तो इस में 3 साल तक की सजा हो सकती है और 10 हजार रुपए तक का जुरमाना लग सकता है. इस के अलावा आरोपी दूसरी बार भी ऐसा ही अपराध करेगा तो उसे 7 साल तक की सजा और 25 हजार रुपए तक जुरमाना लगाया जा सकता है.
पुलिस की भूमिका रही संदिग्ध
इस मामले को ले कर पुलिस की भूमिका भी कुछ कम संदिग्ध नहीं रही. उस की गिरफ्तारी को ले कर 3 राज्यों की पुलिस सक्रिय रही जरूर, लेकिन एल्विश भी अपनी पहुंच का फायदा उठा कर अपने बचाव के रास्ते निकालता रहा.
आखिर में यूपी और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को इस मामले में दखल देनी पड़ी. उस के बाद एल्विश को नोएडा पुलिस के सामने पेश किया जा सका. उस से 8 नवंबर की आधी रात को 3 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ हुई.
आधी रात के करीब 2 बजे एल्विश यादव कोतवाली सेक्टर 20 पहुंचा था और वहां उस से पुलिस की टीम ने पूछताछ की. इस दौरान सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में कई सवाल पूछे गए. उसे 7 नवंबर को नोएडा पुलिस ने पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था.