Crime Story in Hindi : 34 साल की विलावान सिका गोल्फ एम्सावत उर्फ मिस गोल्फ ऐसी सुंदरी थी, जो अच्छेअच्छे संन्यासियों तक को अपने रूपजाल में फांस लेती थी. अपनी मोहिनी अदा के चलते उस ने बैंकाक के प्रसिद्ध बौद्ध मंदिरों के मठाधीशों से न सिर्फ अवैध संबंध बनाए, बल्कि उन के अश्लील फोटो व वीडियो के जरिए उन से 91 करोड़ से अधिक रुपए भी वसूले. आखिर मिस गोल्फ कैसे फांसती थी बौद्ध संन्यासियों को अपने जाल में?

थाईलैंड के बैंकाक में स्थित वाट त्रि थोत्सथेप वोराविहान बौद्ध मंदिर के मठाधीश चाओखुन अर्ज एक आकर्षक कदकाठी का व्यक्ति है. उस की दैहिक बनावट, बौडी लैंग्वेज और बातचीत करने के लहजे को देख कर कोई भी उस की उम्र 58 वर्ष होने का अनुमान नहीं लगा पाता था. यह कहें कि वह किसी फिल्मी नायक की तरह जवान दिखता था. उस की सोच पर भी उम्र का कोई असर नहीं हुआ था. कहने को वह बौद्ध धर्म का एक संत था, लेकिन आधुनिक सोच से भरा हुआ था. उस की बातें नए जमाने के गैजेट और इंटरनेट और सोशल मीडिया फ्रेंडली युवाओं की तरह होती थीं.

चाओखुन अर्ज का असली नाम फ्राथेप वाचिरापामोक था, लेकिन वह मठ के लोगों के बीच अर्ज के नाम से लोकप्रिय था. त्रि थोत्सथेप वोराविहान थाईलैंड के सब से महत्त्वपूर्ण बौद्ध मंदिरों में से एक है. इस का ऐतिहासिक महत्त्व है. इस का निर्माण 19वीं सदी में वहां के तत्कालीन राजतंत्र के शासक द्वारा किया गया था. इस की भव्यता में शाही झलक दिखती है. यहां सभी तरह की आधुनिक और उत्तम रहनसहन की सुविधाएं उपलब्ध हैं. चाओखुन जब से मठाधीश के पद पर नियुक्त हुआ था, तब से उसे मंदिर प्रशासन की तरफ से शाही सुविधाएं और संसाधन मिल गए थे.

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