अपने बारे में पूर्णव शंकर शिंदे ने लोगों को बताया कि उस ने आस्ट्रेलिया से एमबीबीएस कर रखा है. उस की मुलाकात डा. पूजा से हुई तो उस ने खुद को अविवाहित बताया जबकि वह शादीशुदा था. उस से नजदीकी बढ़ा ली फिर जल्द शादी भी कर ली.

पूजा की डाक्टर की डिग्री शिंदे के लिए लौटरी लगने जैसी थी. उस ने पहली पत्नी प्राजक्ता के नाम डा. पूजा बदल कर फरजी डिग्री बना ली. इस तरह से बीएएमएस प्राजक्ता नकली एमबीबीएस डिग्रीधारी डा. पूजा बन गई.

ऐसा कर शिंदे ने एकएक कर 2 अन्य युवतियों से भी शादी रचा ली थी. उस की जालसाजी यहीं नहीं रुकी थी, बल्कि उन लड़कियों से शादी के बाद उन के पहचानपत्र में अहम बदलाव करवा दिया था. नए नाम के एफीडेविट और अखबारों में नाम बदलने का विज्ञापन दे कर सब के नाम डा. पूजा करा दिए थे. उस के बाद सभी की फरजी एमबीबीएस की डिग्री भी बनवा ली थीं.

इस के पीछे उस ने एक खास योजना बना रखी थी, लेकिन उसे अंजाम तक पहुंचाने से पहले ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ चुका था. हालांकि इस की उस ने बुनियाद रख ली थी.

दिल्ली एनसीआर का ग्रेटर नोएडा पिछले एक दशक में तेजी से विकसित होने वाला उपनगर बन चुका है. वहां न केवल रिहायशी मल्टीस्टोरी बिल्डिंगों में लोगों ने रहना शुरू कर दिया है, बल्कि उन की हर जरूरी सुविधाओं के लिए नएनए संसाधन और सुविधाएं भी मिलने लगी हैं. उन्हीं में एक अतिआवश्यक जरूरत मैडिकल सुविधा की भी है. डाक्टर की निजी क्लीनिक से ले कर सुपरस्पैशलिटी अस्पताल तक खोले जा रहे हैं.

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