घटना मध्य प्रदेश के सागर जिले के थाना बंडा की है. 30 जनवरी, 2019 की बात है. जिला कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक पहली बार बंडा आई थीं, जिस की वजह से स्थानीय प्रशासन उन के साथ था. बंडा थाने के टीआई सतीश सिंह भी उन के साथ थे.

दोपहर करीब एक बजे अचानक टीआई के मोबाइल फोन की घंटी बजी. उन्होंने देखा तो वह फोन नंबर गांव के चौकीदार का था. चौकीदार ने टीआई को बताया कि गोराखुर्द गांव की पहाड़ी पर किसी की लाश पड़ी है.

हत्या की खबर सुनते ही सतीश सिंह चौंक गए. मामला हत्या का था इसलिए उन का मौके पर पहुंचना जरूरी था. सूचना से वहां मौजूद एसडीपीओ को अवगत कराने के बाद वह पुलिस टीम के साथ चौकीदार द्वारा बताई गई जगह के लिए रवाना हो गए. टीआई ने इस की सूचना एसपी साहब को भी दे दी थी.

करीब 30 मिनट में टीआई सतीश सिंह घटनास्थल पर पहुंच गए. वहां एक युवक की लाश औंधे मुंह झाडि़यों में पड़ी थी. देखने में लाश 3-4 दिन पुरानी लग रही थी. उस के शरीर पर पैंटशर्ट के अलावा एक स्वेटर था. पुलिस ने वहां मौजूद लोगों से मृतक की पहचान करानी चाही, लेकिन कोई भी उसे नहीं पहचान पाया, जिस से यह बात साफ हो गई कि मृतक उस क्षेत्र का नहीं है.

मृतक के कपड़ों से भी उस की पहचान की कोई चीज नहीं मिली थी. पुलिस ने घटनास्थल की काररवाई पूरी करने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. हत्या का राजफाश करने से पहले मृतक की पहचान होनी जरूरी थी, इसलिए टीआई ने लाश के फोटो जिले के सभी थानों में भेज दिए, ताकि पता चल सके कि उस की किसी थाने में गुमशुदगी तो दर्ज नहीं है. लेकिन कहीं से भी पुलिस को ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली.

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