आजकल तकरीबन हर कोई सोशल मीडिया खासतौर से फेसबुक, ट्विटर और ह्वाट्सऐप पर मौजूद है. कई लोगों के लिए इन साइटों पर रहना जरूरत की बात है, तो ज्यादातर लोग इन के जरीए अपना वक्त काटते हैं.
हैरानी की बात है कि अब तेजी से लड़कियां भी फेसबुक पर दिख रही हैं. बड़े शहरों की लड़कियों को पछाड़ते हुए अब देहातों और कसबों की लड़कियां भी फेसबुक पर अकाउंट खोल कर दोस्त बनाने लगी हैं और उन से चैट यानी लिखित में बातचीत करने लगी हैं.
फेसबुक पर दोस्त बना कर उन से चैट करने पर घर वालों को कोई खास एतराज नहीं होता, क्योंकि उन्हें स्मार्टफोन और कंप्यूटर की ज्यादा जानकारी नहीं होती, इसलिए लड़कियां बेखौफ हो कर अपने बौयफ्रैंड से बातें करती हैं.
ये बातें कभीकभी ऐसे जुर्म की भी वजह बन जाती हैं, जिस से नादान लड़कियां मुसीबत में पड़ जाती हैं, इसलिए अब जरूरी हो चला है कि फेसबुक का इस्तेमाल सोचसमझ कर और एहतियात बरतते हुए किया जाए, नहीं तो हालात मध्य प्रदेश के इंदौर की प्रिया जैसे भी हो सकते हैं.
आशिक बना कातिल
17 साला प्रिया इंदौर के गीता नगर इलाके के कृष्णा नगर अपार्टमैंट्स में तीसरी मंजिल पर रहती थी. हाईस्कूल में पढ़ रही प्रिया पढ़ाई की अहमियत समझती थी, इसलिए इंजीनियर बनने की अपनी ख्वाहिश पूरी करने के लिए उस ने अभी से आईआईटी की भी तैयारी शुरू कर दी थी और कोचिंग क्लास में जाती थी.
प्रिया के पिता श्याम बिहारी रावत एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में काम करते हैं और मां किरण पेशे से ब्यूटीशियन हैं. हालांकि ये लोग कोई बहुत बड़े रईस नहीं हैं, लेकिन इज्जत से गुजारे लायक कमाई आराम से हो जाती थी. पूजा इन दोनों की एकलौती लड़की थी.