‘‘एक महत्त्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है सर, सोचा आप के काम आएगी इसलिए आ गया.’’ राजवीर बोलते हुए एसएचओ तोमर के सामने आ गया और उन के सामने बैठ गया.
‘‘बताओ, वह कौन सी महत्त्वपूर्ण जानकारी है?’’ रविंद्र तोमर ने राजवीर के चेहरे पर नजरें जमा कर जिज्ञासा भरे स्वर में पूछा.
‘‘सर, पहाड़गंज में देशबंधु गुप्ता रोड पर टी-229 में एक गोल्डन यूनिसैक्स सैलून ऐंड स्पा है. उस स्पा में मालिश की आड़ में देह व्यापार का धंधा किया जा रहा है.’’
एसएचओ ने चौंक कर राजवीर को कुछ पल देखते रहे, फिर गंभीर स्वर में पूछा, ‘‘खबर पक्की या…’’
‘‘खबर पक्की है सर, इस की सत्यता का प्रमाण यह है कि मैं ने तालाब से मछली पकड़ने के लिए 5 सौ रुपए खर्च किए हैं.’’
‘‘यानी तालाब में डुबकी लगा कर आ रहे हो?’’ एसएचओ तोमर रहस्य भरे स्वर में बोले और हंस पड़े, ‘‘चिंता मत करो, तुम्हें 5 सौ रुपए मिल जाएंगे, साथ में तुम्हारा ईनाम भी.’’
‘‘थैंक्यू सर,’’ राजवीर बोला, ‘‘मैं ने उसे स्पा को चलाने वाले व्यक्ति का नाम भी मालूम कर लिया है.’’
‘‘क्या नाम है स्पा मालिक का?’’
‘‘मोहम्मद तसलीम नाम है सर, यदि स्पा पर रेड डाली जाए तो वहां मालिश की आड़ में देह परोसने वाली युवतियों के साथ उन युवकों को भी पकड़ा जा सकता है, जो वहां काम कर रहे हैं और वह युवक भी पकड़ में आ सकते हैं, जो स्पा में मालिश करवाने के बहाने मौजमस्ती करने आए हुए हैं.’’
‘‘ठीक है,’’ रविंद्र कुमार तोमर ने जेब से पर्स निकाल कर 5-5 सौ रुपए के दो नोट निकाल कर राजवीर की तरफ बढ़ाते हुए कहा, ‘‘यह लो तुम्हारा ईनाम.’’
राजवीर ने नोट ले कर उन्हें सैल्यूट किया और उन के कक्ष से बाहर निकल गया.
एसएचओ तोमर के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण खबर थी. उन्होंने तुरंत डीसीपी (मध्य जिला) श्वेता चौहान को फोन कर के गोल्डन यूनिसैक्स सैलून ऐंड स्पा में देह मालिश की आड़ में चल रहे देह व्यापार की जानकारी दी.
डीसीपी श्वेता चौहान ने इस जानकारी को गंभीरता से लेते हुए स्पैशल स्टाफ के एसीपी अजय सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर के उन्हें रात में ही गोल्डन यूनिसैक्स सैलून ऐंड स्पा पर रेड डालने का आदेश दे दिया.
एसएचओ श्री तोमर के नेतृत्व में डीसीपी ने जिस टीम का गठन किया था, उस में एसीपी अजय सिंह, स्पैशल स्टाफ के इंचार्ज शैलेंद्र सिंह, एसएचओ (पहाड़गंज) रविंद्र कुमार तोमर, एसआई रवि चौधरी, मुरीजा, एएसआई राकेश कुमार, कैलाश, शिवराज और एसआई जे.एस. त्यागी (ड्राइवर), हैडकांस्टेबल परमपाल और महिला कांस्टेबल पायल को शामिल किया गया था.
यह पुलिस टीम रात में ही प्राइवेट गाडि़यों द्वारा पहाड़गंज के देशबंधु गुप्ता रोड पर स्थित गोल्डन यूनिसैक्स सैलून एंड स्पा के लिए रवाना हो गई.
एसएचओ रविंद्र कुमार तोमर ने हैडकांस्टेबल करमपाल को अपने हस्ताक्षरयुक्त 4 नोट 5-5 सौ रुपए के दे कर अच्छे से समझा कर स्पा के अंदर डिकोय कस्टमर बना कर भेज दिया.
करमपाल किसी मनचले युवक की तरह स्पा में घुसा और सीधे स्पा के रिसैप्शन काउंटर पर पहुंच गए. रिसैप्शन काउंटर पर एक युवक बैठा हुआ था. वह करमपाल को देख कर अभिवादन करते हुए खड़ा हो गया, ‘‘आप का हमारे स्पा मसाज पार्लर में स्वागत है. कहिए, आप की क्या सेवा की जाए?’’
करमपाल ने काउंटर पर झुक कर पहले इधरउधर देखा जैसे इत्मीनान कर लेना चाहता हो कि उन की बातें कोई दूसरा नहीं सुन रहा है. इत्मीनान हो जाने पर उस ने बहुत दबी हुई आवाज में कहा, ‘‘सर्दी का मौसम है श्रीमान, मसाज के लिए कपड़े उतारना क्या ठीक रहेगा?’’
‘‘हमारे केबिन में सर्दी का क्या काम जनाब, जवान और खूबसूरत युवती की गरम हथेलियां जब आप की देह पर फिसलेंगी तो आप का शरीर खुदबखुद गरम हो जाएगा.’’ रिसैप्शनिस्ट ने रहस्यमयी अंदाज में कहते हुए करमपाल की हथेली दबा दी, ‘‘वैसे आप को यदि अधिक सर्दी लगती है तो उसे दूर करने का साधन भी है हमारे यहां.’’
‘‘रियली!’’ करमपाल खुश होते हुए बोला, ‘‘क्या रूम हीटर लगा रखे हैं आप ने?’’
‘‘अरे नहीं जनाब,’’ करमपाल की बात पर रिसैप्शनिस्ट हंस पड़ा, ‘‘रूम हीटर से भी अधिक गरमी देने वाली कमसिन लड़कियां हैं हमारे यहां.’’
‘‘ओह! अब समझा मैं.’’ करमपाल मुसकराया, ‘‘क्या मुझे उन का दीदार करने का मौका मिलेगा?’’
‘‘बेशक, आप जैसे कस्टमरों को खुश करने की पूरी कोशिश रहती है हमारी. आप दीदार करेंगे, पसंद करेंगे तभी तो हमारा स्पा चलेगा.’’ रिसैप्शनिस्ट ने
कहने के साथ काउंटर पर लगी कालबेल बजा दी.
अंदर के रूम से एक खूबसूरत युवती निकल कर वहां आ गई.
‘‘आप ने याद किया सर?’’ उस ने पतलेपतले होंठ हिलाए.
‘‘आलिया, तुम मोहिनी को बुला कर लाओ.’’ रिसैप्शनिस्ट ने कहा.
आलिया अंदर गई और कुछ ही देर में मोहिनी को साथ ले कर बाहर आ गई.
दोनों युवतियां जवान और सुंदर थीं. उन्होंने उस वक्त जो कपड़े पहने हुए थे, उन से उन के अर्द्धनग्न बदन दिखाई दे रहा था. दोनों ने मैनेजर की ओर देखा.
रिसैप्शनिस्ट ने करमपाल को इशारा किया, ‘‘आप पसंद कर लीजिए साहब.’’
करमपाल ने पलट कर दोनों युवतियों को गहरी नजरों से परखा. उन्हें मोहिनी अधिक आकर्षक लगी तो उस की ओर इशारा कर दिया, ‘‘इन की कीमत बोलिए आप?’’
‘‘मसाज और उस के साथ मौजमस्ती करने के 2 हजार रुपए देने पड़ेंगे आप को,’’ रिसैप्शनिस्ट ने बताया.
‘‘ठीक है,’’ बगैर किसी सौदेबाजी के करमपाल ने कहा और पैंट की जेब से अपना पर्स निकाल कर 5-5 सौ के 4 नोट निकाल कर रिसैप्शनिस्ट की तरफ बढ़ाते हुए कहा, ‘‘मैं मसाज नहीं करवाऊंगा, मुझे केवल…’’
‘‘समझगया सर, जो सेवा आप चाहते हैं वही मिलेगी,’’ रिसैप्शनिस्ट मुसकरा कर बोला, ‘‘लेकिन फिर भी लगेगा 2 हजार ही.’’
‘‘2 हजार में सौदा बुरा नहीं है,’’ करमपाल ने कहा और मोहिनी की ओर बढ़ गया.
मोहिनी उसे साथ ले कर एक केबिन में आ गई. उस केबिन में एक पलंग पड़ा हुआ था, जिस पर मुलायम सफेद रंग का गद्दा बिछा था, सिरहाने की ओर 2 तकिए बड़े सलीके से रखे गए थे.
करमपाल ने केबिन का दरवाजा बंद कर लिया और मोहिनी के गले में बाहें डाल कर उसे अपनी ओर खींचा तो मोहिनी उसे धकेल कर थोड़ी बेरुखी से बोली, ‘‘यह क्या कर रहे हैं आप?’’
‘‘मैं ने तुम्हारे साथ बैठने की कीमत अदा की है मिस मोहिनी.’’
‘‘वह कीमत तो मसाज की थी, मेरे साथ बैठोगे तो उस की अलग से फीस देनी होगी.’’ मोहिनी ने बताया.
‘‘यह तो धोखा है. आप के मैनेजर को मैं ने पूरे 2 हजार दिए हैं, इस में मसाज के साथ तुम्हारी देह कीमत भी जोड़ दी गई है.’’
‘‘नहीं, मैं एक्स्ट्रा चार्ज लूंगी.’’ मोहिनी रूखी आवाज में बोली, ‘‘अगर आप मसाज करवाना चाहते हैं तो कहिए, मैं मसाज करने को तैयार हूं.’’
मोहिनी की इस बात पर करमपाल नाराज हो गया.
‘‘मैं मैनेजर से बात करता हूं,’’ वह केबिन का दरवाजा खोल कर बोला.