Best Hindi Story : नादानी में प्राय: गलतियां हो जाती हैं, कभीकभी उन गलतियों का खामियाजा भी उठाना पड़ता है. गार्गी के साथ भी ऐसा ही हुआ. लेकिन एक पैर गंवा कर उसे रिश्तों और संबंधों का महत्त्व पता चल गया. आखिर ऐसा क्या हुआ था उस की...

तेजी से आई एक कार झटके से त्रिवेणी अस्पताल के सामने रुकी, कार का दरवाजा खोल कर जल्दी से 3-4 लोग उतरे. उन में से 25-26 साल का एक युवक लगभग दौड़ता हुआ अस्पताल के अंदर गया, बाकी लोग एक युवती को कार से बाहर निकालने लगे. युवती को कार से निकालते देख अस्पताल के गेट पर खड़े लोगों ने उत्सुकतावश कार को घेर लिया. तभी अस्पताल के अंदर गया युवक कंपाउंडर के साथ स्ट्रेचर ले कर आया. युवती को जल्दी से स्ट्रेचर पर लिटा कर सभी उसे ले कर औपरेशन थिएटर की ओर भागे.

दुर्घटना में युवती का एक पैर पूरी तरह नष्ट हो चुका था. देख कर ही लग रहा था कि पैर घुटनों से काटना पड़ेगा. खून से लथपथ जींस में लिपटा वह पैर घुटने के पास से एकदम झूल गया था. बाकी शरीर में कहीं खरोंच तक नहीं आई थी. युवती को उठा कर लाने में उस के बाल खुल गए थे. टीशर्ट भी अस्तव्यस्त हो गई थी. जिस से उस के अंग झलक रहे थे. उसे अंदर लाने वाले युवक ने देखा तो अपनी शर्ट उतार कर उस के ऊपर डाल दी. औपरेशन थिएटर में ले जाते समय वह बेहोश थी. इस बीच डा. ऋतुल त्रिपाठी आ गए थे. युवती की ओर देखे बगैर उन्होंने स्टाफ से औपरेशन की तैयारी करने को कहा. औपरेशन की तैयारी होने लगी. युवती बेहोश थी, फिर भी वह पीड़ा से छटपटा रही थी.

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