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पुलिस ने अगले 2 घंटे के भीतर राजू को दबोच लिया. पुलिस ने उस के कब्जे से लूट के साढ़े 9 हजार रुपए, 1-2 आभूषण तथा एक लौकर बरामद कर लिया.

उस ने बताया कि उस लौकर में कुछ दस्तावेज थे, जिसे उस ने अपने काम का नहीं होने के कारण एक जगह फेंक दिए थे. पुलिस टीम ने उसे साथ ले जा कर वे दस्तावेज भी बरामद कर लिए.

उस से पूछताछ में पता चला कि उस के साथ वारदात को राकेश राज व सूरज ने अंजाम दिया था. दोनों के नामपते हासिल कर पुलिस टीमों ने उन की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी. तड़के 6 बजे पुलिस ने राकेश राज को भी उस के घर मुनीरका से गिरफ्तार कर लिया. उस के कब्जे से करीब 10 हजार रुपए बरामद हुए. दोनों से पूछताछ के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया.

राजू मूलरूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला है. पिछले 5 सालों से वह डीडीए वसंत विहार में कपड़ों पर इस्त्री करने का काम करता था. किट्टी कुमारमंगलम के घर पर से भी वह कपड़े लेने जाता था. चूंकि वह घर में अकेली रहती थीं, इसलिए यदाकदा वह राजू से बाजार से कुछ सामान भी मंगा लेती थीं. यही कारण था कि राजू की एंट्री उन के कमरे तक थी.

किट्टी उस पर भरोसा करने लगीं. भरोसा इतना बढ़ गया कि वह घर में आने पर कपड़े लेने उन के बैडरूम तक भी पहुंच जाता था. एवज में किट्टी राजू को खर्च के लिए कुछ पैसे भी दे देती थीं. लेकिन पिछले साल जब कोरोना की बीमारी के लौकडाउन लगा तो राजू का कामधंधा चौपट हो गया.

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