मुन्ना बजरंगी एक समय कुख्यात बदमाश था, 40 लोगों का हत्यारा. जेल में रहते भी उस का गिरोह व्यापारियों को धमका कर चौथ वसूली करता था. मुन्ना बजरंगी भले ही बदमाश था, लेकिन जेल में उस की हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. 9 जुलाई की सुबह उत्तर प्रदेश की बागपत जेल का नजारा कुछ बदला हुआ था. वजह यह कि कुख्यात बदमाश सुनील राठी ने 2 भाजपा नेताओं के हत्यारे और राठी से भी ज्यादा खूंखार बदमाश मुन्ना बजरंगी को मार डाला था, वह भी मैगजीन की पूरी गोलियां बरसा कर. बिलकुल उसी अंदाज में जैसे मुन्ना बजरंगी लोगों को मारता था.

सुनील राठी की उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली में काफी दहशत थी. बागपत जिले के टीकरी गांव का रहने वाला सुनील राठी दोघट थाने का हिस्ट्रीशीटर था18 साल पहले सुनील राठी तब चर्चा में आया था, जब उस के पिता नरेश राठी की बड़ौत के पास हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के बदले में उस ने महक सिंह और मोहकम सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी थी. इस मामले में सुनील राठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. सुनील की हिम्मत को इसी से आंका जा सकता है कि उस ने अपने गैंग के अमित को देहरादून पुलिस पर हमला कर के छुड़ा लिया था

सुनील पहले हरिद्वार जेल में था. जनवरी 2017 में वह बागपत जेल में आया था. वह जेल से ही अपने गिरोह का संचालन करता था. मुन्ना बजरंगी की सुनील राठी से जानपहचान थी. यही वजह थी, जब वह बागपत जेल में आया तो दोनों चाय पर मिले. सुनील को सूचना मिली थी कि मुन्ना बजरंगी उसे मारने के लिए जेल आया है. इसीलिए उस ने मुन्ना बजरंगी से पूछा, ‘‘सुना है, तुम ने मेरी हत्या की सुपारी ली है?’’ इस पर मुन्ना बजरंगी ने उसे जवाब देते हुए कहा कि ‘हम ऐसे गलत काम नहीं करते. मैं नहीं, तुम ने मेरी हत्या की सुपारी ली है.’ दोनों के बीच इस बात को ले कर बहस शुरू हो गई कि किस ने किस की हत्या की सुपारी ली है. विवाद बढ़ा तो सुनील राठी ने पिस्तौल निकाल कर मुन्ना बजरंगी पर गोलियां बरसा दीं. घायल मुन्ना ने बचने की कोशिश की तो सुनील ने पास जा कर कई गोलियां उस के पेट में उतार दीं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...