बैंक के अस्थाई कर्मचारी देवप्रकाश ने मोबाइल की दुकान चलाने वाले अपने दोस्त अरुण के साथ मिल कर बैंक का पैसा लूटने की योजना बनाई. इस में वे कामयाब भी हो गए, लेकिन...
गरमी का मौसम होने की वजह से पथरीला शहर कोटा जैसे तंदूर की तरह तप रहा था. मंगलवार 19 जून, 2018 का दिन भी कमोबेश ऐसा ही था. दोपहर ढल चुकी थी. इस के बावजूद कोटा के तापमान में कमी नहीं आई थी. अपराह्न के लगभग 4 बज चुके थे, सीओ नरसीलाल मीणा अपने चैंबर में बैठे बड़े गौर से ग्यारसीराम शृंगी नाम के शख्स की बातें सुन रहे थे. लगभग 50 साल की उम्र पार कर चुका ग्यारसीराम बड़ौदा-राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की गुमानपुरा शाखा में कैशियर के पद पर कार्यरत था. लेकिन वक्ती तौर पर वह इसी बैंक की कंसुआ शाखा में कैशियर का काम संभाल रहा था. कंसुआ अनंतपुरा थाना क्षेत्र में आता है.
अनंतपुरा पुलिस स्टेशन पर सीओ अमर सिंह राठौड़ थानाप्रभारी के पद पर तैनात थे. संयोग से उस वक्त राठौड़ भी मीणा साहब के चैंबर में बैठे थे. ग्यारसीराम जो समस्या ले कर उन के पास आया था, वह काफी गंभीर थी. इतनी गंभीर कि ग्यारसीराम की नौकरी और इज्जत दोनों ही दांव पर लग गई थीं. ग्यारसीराम ने नरसीलाल मीणा को बताया कि 3 बजे वह बैंक का अस्थाई कर्मचारी देवप्रकाश के साथ बैंक से 8 लाख रुपए ले कर रवाना हुआ था. मोटरसाइकिल वह खुद चला रहे थे जबकि पीछे बैठे देवप्रकाश ने रुपयों से भरा बैग थाम रखा था. यह रकम भामाशाह मंडी स्थित बैंक की दूसरी शाखा में जमा करनी थी. जैसे ही वे भामाशाह मंडी की पुलिया तक पहुंचे, अचानक एक स्कूटी पर सवार 2 लोग आए और बड़ी फुरती से देवप्रकाश के हाथों से नोटों का बैग छीन कर भाग गए.