Noida News : निजी कंपनी के मार्केङ्क्षटग मैनेजर शिव पांडे ने शादीशुदा होते हुए भी 22 साल की काजल चौहान को अपने प्यार के जाल में फांस लिया था. काजल के साथ लिवइन रिलेशन में रहते हुए एक दिन काजल को उस की हकीकत पता चल गई. इस के बाद जो हुआ…
काजल चौहान अपनी बात कह कर प्रतिमा पांडे के कलेजे में आग लगा गई थी. अब प्रतिमा शाम होने का इंतजार कर रही थी ताकि पति शिव लौटे तो वह उस से काजल द्वारा कही गई बातों की पुष्टि कर सके. शाम को पति शिव पांडे घर आया तो प्रतिमा ने वही बात छेड़ दी. इस के बाद तो घर में ऐसा संग्राम छिड़ा, जिसे यहां लिख पाना न संभव है और न जरूरत ही है. अंत में प्रतिमा के पैर पकड़ कर शिव ने माफी मांगी और यह वचन भी दिया कि भविष्य में इस तरह की गलती वह दोबारा कभी नहीं करेगा.
पति की बेवफाई से उस दिन प्रतिमा सुलग उठी थी. फिर भी वह शिव की ब्याहता थी. छोटी सी बिटिया के भविष्य के बारे में भी उस ने सोचा. अब इस आफत से कैसे निकला जाए, वह अब हमेशा इसी बारे में विचार करने लगी. उधर शिव पांडे के प्यार में ठगी गई गुस्साई 23 वर्षीय काजल चौहान जरा भी झुकने को तैयार नहीं थी. उस की रोज की टेलीफोनिक धमकियों की वजह से शिव काफी परेशान रहता था. अपने पति को हिम्मत देने के लिए अब प्रतिमा हिम्मतवान बन गई थी. उस ने शिव से कहा, ”इस तरह चुप बैठे रहने से काम नहीं चलेगा. अगर इस लड़की ने पुलिस से शिकायत कर दी तो तुम्हारा क्या होगा? मेरी क्या हालत होगी? अपनी इस छोटी सी बिटिया का क्या होगा? इस का भविष्य क्या होगा?’’
इतना कहने के बाद प्रतिमा ने एक लंबी सांस ले कर आगे कहा, ”तुम ने गलती की है तो उसे सुधारने का रास्ता खोजो. वह कलमुंही पुलिस के पास जाए, उस के पहले ही उसे परलोक भेजना होगा. यही एक सौलिड उपाय है. न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी. हम पकड़े न जाएं, इस तरह उसे खत्म करने का कोई प्लान बनाओ.’’
और फिर शिव ने हिट ऐंड रन का प्लान बना डाला. सुनसान जगह तलाश कर समझौते के लिए काजल को वहां बुलाने की योजना बनाई. उस ने वह जगह तलाश भी ली. शिव पांडे को ग्रेटर नोएडा के बारे में बहुत अच्छी नालेज थी. 16 जनवरी, 2025 की शाम शिव ने मैसेज भेज कर काजल को तुगलपुर स्थित अंसल मौल वाली सर्विस रोड पर समझौते के लिए बुलाया. पति को हिम्मत देने के लिए प्रतिमा भी स्कौर्पियो में उस के साथ बैठ गई थी. काजल समय से आ कर अपने प्रेमी लिवइन पार्टनर शिव पांडे का इंतजार करने लगी थी. क्योंकि उसी ने फोन कर के उसे वहां मिलने के लिए कहा था. पर शिव समय से नहीं पहुंचा था.
जैसेजैसे समय बीत रहा था, इंतजार करतेकरते काजल ऊब रही थी. तभी उसे अपने प्रेमी शिव पांडे की स्कौर्पियो दूर से आती दिखाई दी. स्कौर्पियो देख कर उस ने राहत महसूस की. वह झुकेगी नहीं, उसे शिव से क्या बात करनी है, मजबूती के साथ उस ने मन ही मन शब्दों को तय कर लिया था. स्कौर्पियो नजदीक आई तो रुकने के बजाय अचानक उस की रफ्तार और ज्यादा बढ़ गई. काजल कुछ सोचविचार पाती, तेज गति से आ रही स्कौर्पियो ने उस के पहले ही उसे टक्कर मारी, जिस से काजल गिर पड़ी. इस के बाद स्कौर्पियो का बाईं ओर का अगला पहिया उस के ऊपर इस तरह चढ़ कर निकल गया कि उस के शरीर के चिथड़े उड़ गए. उसी जगह उसी समय उस की मौत हो गई. स्कौर्पियो जिस गति से आई थी, उसी गति से आगे बढ़ गई.
दूर से यह नजारा देखने वाले मदद के लिए भाग कर नजदीक आए. पर कुचली हुई देह की हालत देख कर उन्हें समझते देर नहीं लगी कि युवती मर चुकी है. स्कौर्पियो इतनी तेजी से आ कर काजल को कुचल कर चली गई थी कि लोग उस का नंबर तक नहीं देख पाए थे. भीड़ में से किसी ने पुलिस के 112 नंबर पर फोन कर के घटना की सूचना दे दी थी. सूचना मिलते ही थाना कोतवाली नौलेज पार्क के कोतवाल डा. विपिन कुमार और डीसीपी साद मियां, एसीपी अवनीश दीक्षित पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए थे. उस समय तक लाश के पास खड़ी भीड़ के लोग बदल चुके थे. जिन लोगों ने घटना को अपनी आंखों से देखा था, वे लोग वहां से चले गए थे.
पुलिस ने हिट ऐंड रन का मामला समझ कर लाश के पास पड़े बैग की तलाशी ली तो लाश की शिनाख्त हो गई. वह नोएडा के सेक्टर 22 स्थित चौड़ा सादतपुर गांव की रहने वाली थी और उस का नाम काजल चौहान था. पुलिस ने उस के पेरेंट्स को सूचना दी तो सूचना पाते ही उस के मम्मीपापा आ गए. जवान बेटी की इस तरह लाश देख कर उस की मम्मी अंजलि चौहान तो बेहोश हो कर गिर पड़ी. पुलिस ने पंचनामा कर के लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. डीसीपी साद मियां खान ने रात को ग्रेटर नोएडा के एसीपी (क्राइम) अवनीश दीक्षित तथा कोतवाली प्रभारी विपिन कुमार से बात की. क्योंकि सर्विस रोड पर युवती का जिस तरह एक्सीडेंट हुआ था, उन्हें यह मामला हिट ऐंड रन का नहीं लग रहा था. उन्होंने कहा, ”अंतिम संस्कार की वजह से कल उस के पेरेंट्स नहीं आ सकेंगे. परसों वे रिपोर्ट लिखाने आएंगे.’’
तब अवनीश दीक्षित ने कहा, ”सर, युवती के पेरेंट्स की शिकायत आने के बाद जांच इस तरह होगी कि एक भी पौइंट नहीं छूटेगा.’’
18 जनवरी, 2025 की दोपहर को काजल के मम्मीपापा थाना नालेज पार्क आए. मानसिक रूप से दोनों काफी परेशान थे. मम्मी अंजलि चौहान ने जो रिपोर्ट लिखाई, उस में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस पहले की आईपीसी) की धारा 381 (पब्लिक प्लेस पर रफ ड्राइविंग) 106 (लापरवाही से हत्या), इन दोनों धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया. डीसीपी साद मियां खान ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा, ”आप की बेटी को न्याय मिलेगा. उस कार वाले को खोज कर अवश्य सजा दिलाई जाएगी.’’
रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने इस मामले की गहराई से जांच शुरू की. मृतक काजल के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए मुखबिरों को भी लगा दिया गया था. घटनास्थल के आसपास के तमाम सीसीटीवी फुटेज चैक करने के साथसाथ सर्विलांस की काररवाई की जा रही थी. काजल के फोन की काल डिटेल्स भी निकल गई थी. आखिर पुलिस की मेहनत रंग लाई. दुर्घटना के समय दिल्ली के नंबर प्लेट वाली एक महिंद्रा स्कौर्पियो कार का नंबर डीएल 8सी एपी3470 पुलिस को मिल गया. इस के बाद पुलिस ने नंबर के आधार पर मालिक का नाम और पता हासिल कर लिया. वह कार नोएडा के सेक्टर-110 में रहने वाले शिव पांडे की थी.
दूसरी ओर पुलिस को मुखबिर ने बताया कि काजल चौहान इधर एक साल से किसी युवक से प्यार करती थी और उस की पत्नी की तरह उस के साथ शाहबेरी गांव में किराए के मकान में रहती थी. वह युवक दिल्ली की किसी बड़ी कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर है. पुलिस शिव पांडे की तलाश में उस के घर पहुंची तो पता चला वह सुलतानपुर (उत्तर प्रदेश) भाग गया है. पुलिस ने सुलतानपुर जा कर स्कौर्पियो के साथ मालिक शिव पांडे को गिरफ्तार कर लिया. थाने ला कर उस से पूछताछ शुरू हुई. पूछताछ में पता चला कि वह दिल्ली की कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर है तो पुलिस को मुखबिर की बात सच लगी.
इस के बाद पुलिस ने शिव से सख्ती से पूछताछ की. शिव ने पुलिस को चकमा देने की बहुत कोशिश की, पर पुलिस के आगे उस की एक नहीं चली. अंतत: उस ने अपना अपराध स्वीकार कर के पुलिस को काजल से अपने प्यार से ले कर हत्या तक की पूरी कहानी सुनाई, जो इस प्रकार थी—
राजधानी दिल्ली से 25 किलोमीटर की दूरी पर बसा नोएडा वैसे तो उत्तर प्रदेश के जिला गौतमबुद्धनगर के अंतर्गत आता है, पर यह दिल्ली का सेटेलाइट शहर है और नैशनल कैपिटल रीजन में आने की वजह से इसे दिल्ली जैसी सुविधाएं मिली हैं. नोएडा का पूरा नाम न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथौरिटी है. ओखला की औद्योगिक इकाइयों पर कर्मचारियोंमजदूरों का दिल्ली पर दबाव न बढ़े, इस के लिए 14 मार्च, 1976 को संजय गांधी के कहने पर यह शहर बसाया गया था. इस समय यह शहर भारत के चोटी के शहरों में से एक है. नोएडा में जब कंपनियों का दबाव काफी बढ़ा तो उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी से जोड़ कर ग्रेटर नोएडा बसा दिया, जहां आज बड़ीबड़ी कंपनियों के साथ तमाम यूनिवर्सिटीज और टेक्निकल कालेज खुल गए हैं, जिस की वजह से ग्रेटर नोएडा को शिक्षा का हब भी कहा जाता है.
इसी नोएडा के सेक्टर 110 में 26 साल की खूबसूरत पत्नी प्रतिमा के साथ रहने वाला 30 साल का शिव पांडे दिल्ली की एक बड़ी कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर था. वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जिला सुलतानपुर के गांव पांडेपुर का रहने वाला था. उस के पापा नोएडा के महर्षि आश्रम में नौकरी करते थे और सेक्टर 110 में रहते थे. उन्हीं के साथ ही शिव भी रहता था. शिव ने साल 2018 में प्रतिमा से लव मैरिज की थी. उन की 5 साल की एक बेटी भी थी. इस के बावजूद भी शिव की चमन में खिल रही खूबसूरत कली पर भंवरे की तरह मंडराने वाली प्रवृत्ति नहीं बदली थी.
दिसंबर, 2023 की एक शाम शिव पांडे ग्रेटर नोएडा की आलीशान रोड पर अपनी सफेद रंग की स्कौर्पियो से घर जा रहा था, तभी 22 साल की काजल चौहान घर जाने के लिए आटो के इंतजार में सड़क पर काफी देर से खड़ी थी. पर शाम का समय होने की वजह से कोई आटो नहीं मिल रहा था. उसी दौरान शिव पांडे उधर से गुजरा तो शाम के धुंधलके में सड़क के किनारे खड़ी खूबसूरत युवती को देख कर उस की स्कौर्पियो अपने आप रुक गई. उस ने गाड़ी रोक कर काजल से स्कौर्पियो में बैठने को कहा तो काफी देर से आटो के लिए परेशान खड़ी काजल उस की स्कौर्पियो में बैठ गई.
स्कौर्पियो चलने के साथ ही बातें भी चल पड़ीं. शिव पांडे ने काजल को चौड़ा सादतपुर, सेक्टर- 22 स्थित उस के घर की गली तक छोड़ा था.
इस बीच उस ने अपना मोबाइल नंबर तो काजल को दे ही दिया, उस का भी मोबाइल नंबर ले लिया था. साधारण परिवारों की लड़कियों को कैसे अपनी ओर आकर्षित किया जाता है, यह कला शिव को बहुत अच्छी तरह आती थी. कुछ दिनों बाद उस ने काजल को फोन कर के कौफी पीने के लिए अट्टा, सेक्टर- 18 स्थित एक कौफी हाउस में बुलाया. इस तरह की आलीशान गाड़ी वाला स्मार्ट युवक साथ कौफी पीने के लिए बुला रहा है, यह बात काजल के लिए झटके के समान थी. खूब बनठन के तैयार हो कर वह अट्टा स्थित कौफी हाउस पहुंची तो शिव ने उस का बड़ी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया.
इस के बाद मुलाकातें बढ़ती गईं और शिव की बातों तथा आवभगत से भोलीभाली काजल ने शिव को अपना भावी भरतार (पति) मान लिया. एक दिन होटल में कमरा ले कर साथ रहने के बाद शिव ने काजल को समझाया कि इस तरह होटल में मिलने के बजाए मैं ने यहां शाहबेरी गांव में एक मकान किराए पर ले रखा है, वह उस के साथ उसी मकान में रहने के लिए आ जाए. दोनों कुछ दिनों तक लिवइन में रहेंगे तो जब उन्हें लगने लगेगा कि उन के संबंध मजबूत हो चुके हैं और उन के बीच कभी विवाद नहीं होगा तो उस के बाद दोनों विवाह कर लेंगे. काजल अभी मुग्धावस्था में थी, इसलिए उस ने शिव की शर्त खुशीखुशी स्वीकार कर ली.
घर में मम्मीपापा ने काजल को समझाया, पर उन से लड़झगड़ कर काजल शिव पांडे के साथ ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव स्थित किराए के मकान में रहने के लिए आ गई. फिर शिव और काजल पतिपत्नी की तरह रहने लगे थे. शिव पांडे को सब से बड़ा फायदा उस की नौकरी का था. मार्केटिंग के काम के लिए अकसर उसे बाहर जाना पड़ता था. उस की पत्नी प्रतिमा को उस के टूरिंग जौब का पता था ही. शिव ने काजल को भी अपनी नौकरी में करने वाली यात्रा के बारे में पहले ही बता दिया था. शिव बड़ी ही चालाकी के साथ यह खेल खेल रहा था.
प्रतिमा से टूर पर जाने की बात कह कर वह काजल के पास पहुंच जाता और काजल से टूर पर जाने की बात कह कर वह प्रतिमा के पास पहुंच जाता था. इस तरह दोनों घरों को शांति से संभालने में उसे कोई परेशानी नहीं हो रही थी. जबकि प्रतिमा और काजल को शिव के इस डबल रोल की कल्पना तक नहीं थी. जल्दी या देर में कभी न कभी तो झूठ का खुलासा हो ही जाता है. 24 दिसंबर, 2024 की रात क्रिसमस की धूम चल रही थी. उस समय शिव काजल के साथ उस के घर में था. उसी समय प्रतिमा का फोन आया. कोई पुरुष प्रेमिका के साथ हो और उस समय पत्नी का फोन आ जाए तो जवाब देते समय पुरुष की आवाज और चेहरा दोनों बदल जाते हैं. उस ने घबराते हुए मात्र इतना कहा, ”मीटिंग में हूं, बाद में बात करता हूं.’’
इतना कह कर शिव ने काल डिसकनेक्ट कर दी. उस के चेहरे के हावभाव देख कर काजल को उस पर शक हो गया. पर उस ने कुछ कहा नहीं. शिव पर अटूट विश्वास होने के कारण काजल ने कभी उस का मोबाइल चैक नहीं किया था. पर शक होने के बाद अगले दिन सुबह शिव नहाने गया तो काजल ने उस का मोबाइल चैक किया. मोबाइल देख कर उस के पैरों तले से जैसे जमीन खिसक गई. शिव के प्रतिमा के साथ के, शिव-प्रतिमा के बेटी के साथ के फोटो देख कर वह कांप उठी. उसे विश्वास हो गया कि यह आदमी उसे ठग रहा है.
शिव बाथरूम से निकला तो काजल ने उस का गला दबोच लिया. चोरी पकड़ी जा चुकी थी, इसलिए शिव ने माफी मांगते हुए स्वीकार कर लिया कि वह शादीशुदा है और एक बेटी का बाप भी है. पर वह उस से बहुत प्यार करता है. इस तरह की बातें कर के उस ने काजल को मनाने की बहुत कोशिश की, पर बिफरी काजल के मन में अब धोखेबाज शिव के लिए प्यार नहीं, नफरत थी. इस आदमी ने झूठ बोल कर उस का नाजायज फायदा उठाया था. यह सोच कर वह रणचंडी बन चुकी थी. रोते हुए उस ने कहा, ”मुझे कायदे से दरजा देते हुए पत्नी का अधिकार दो. अपनी प्रौपर्टी में से आधा हिस्सा तुम्हें देना होगा. इस स्कौर्पियो को बेच कर जो भी पैसा मिलेगा, उस में भी आधाआधा करना होगा.’’
इस के बाद काजल ने आंसू पोंछते हुए धमकी दी, ”आज तक झूठ बोल कर तुम ने मुझे पत्नी की तरह रखा, इसलिए अब तुम मुझे मेरा हक दो, वरना मैं सारी लाजशरम त्याग कर पूरे गांव में ढिंढोरा पीटते हुए थाने जा कर रिपोर्ट दर्ज कराऊंगी.’’
काजल का उग्र रूप देख कर शिव बहुत घबरा गया था. उस ने कहा, ”मुझे 15 दिनों का समय दो, मैं कोई रास्ता निकालता हूं.’’
इतना कह कर शिव वहां से चला गया था. काजल ने चालाकी से शिव के औफिस फोन कर के उस के घर का पता ले लिया. अगले दिन वह शिव के घर पहुंच गई. शिव औफिस गया था. उस की पत्नी प्रतिमा उस समय घर पर थी. काजल ने शिव की सारी कहानी उसे सुना दी. प्रतिमा ने कल्पना भी नहीं की थी कि उस का पति शिव इस तरह की गलती भी कर सकता है. काजल ने रोते हुए कहा, ”आप मेरी बड़ी बहन जैसी हैं. इस में आप का कोई दोष नहीं है. इसलिए मैं आप से लडऩे नहीं आई हूं. पर एक साल तक शिव मेरा पति बन कर रहा है, इसलिए मैं अपना अधिकार मांगने आई हूं. आप उसे समझा कर मेरी मदद करेंगी तो ठीक है, बाकी प्रौपर्टी में आधे हिस्से के लिए मैं अकेली ही लड़ लूंगी.’’
शिव पांडे से पूछताछ के बाद पुलिस ने उस की पत्नी प्रतिमा पांडे को भी गिरफ्तार कर लिया. शिव का जब काजल से झगड़ा हुआ था, तब उस ने उस का मोबाइल फोन छीन लिया था. पुलिस ने उस के पास से वह मोबाइल फोन और हत्या में उपयोग में लाई गई स्कौर्पियो बरामद कर ली थी. इस के बाद अदालत में पेश कर के दोनों को जेल भेज दिया था.