True Crime Story: गुलाब सिंह की चमन से ऐसी गहरी दोस्ती थी कि वह उसे घर ही नहीं ले जाता था, बल्कि साथ बैठा कर खिलातापिलाता भी था. लेकिन दोनों के बीच ऐसा क्या हुआ कि एक दोस्त गद्दार हो गया. राजस्थान के जिला भरतपुर के कस्बा नदवई के नजदीक बसे गांव रौनीजा के रहने वाले फतेह सिंह की गिनती अच्छे और रसूखदार किसानों में होती थी. उन के परिवार में पत्नी के अलावा 3 बेटे, रामवीर सिंह, गुलाब सिंह और महेश सिंह थे. फतेह सिंह के परिवार के कई लोग फौज में थे, इसलिए वह चाहते थे कि उन के भी बेटे फौज में जाएं.

पिता की इच्छा का खयाल रखते हुए बड़ा बेटा रामवीर सेना में भर्ती हो गया. उस के बाद फतेह सिंह ने रामवीर सिंह की शादी भी कर दी. भाई को फौज की वर्दी में देख कर उस से छोटे गुलाब सिंह के मन में भी सेना में जाने का जज्बा जाग उठा. फतेह सिंह कहते भी रहते थे कि वह अपने तीनों बेटों को सेना में भेजना चाहते हैं. इसलिए उम्र होने पर गुलाब सिंह ने भी सेना में भर्ती होने की कोशिश शुरू कर दी. गुलाब सिंह की कोशिश रंग लाई और आर्मी हेडक्वार्टर में उसे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी मिल गई. इस तरह फतेह सिंह के 2 बेटे फौज में भर्ती हो गए तब तीसरे बेटे महेश को उन्होंने अपने पास घर और खेती के कामों की मदद के लिए रख लिया.

गुलाब सिंह की तैनाती आगरा के आर्मी हेडक्वार्टर में हुई थी. नौकरी लगने के बाद घर वालों ने उस का घर बसाने के लिए रिश्ते की तलाश शुरू कर दी. यह तलाश राजेंद्री पर जा कर खत्म हुई. राजेंद्री भी भरतपुर की ही रहने वाली थी. गुलाब सिंह को आगरा के थाना सदर स्थित सैन्य कालोनी में रहने के लिए क्वार्टर मिला हुआ था. इसलिए शादी के बाद गुलाब सिंह पत्नी को आगरा ले आया. आगरा आ कर राजेंद्री बहुत खुश थी, क्योंकि अब उस का अपना घर था, जिसे वह अपने ढंग से सजा सकती थी. गुलाब सिंह को ठीकठाक वेतन मिलता ही था, रहने के लिए सरकारी क्वार्टर भी मिला हुआ था, इसलिए उस का और राजेंद्री का दांपत्य सरपट दौड़ने लगा.

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