Crime News: तेजिंदर सिंह बिना मेहनत के ही करोड़पति बनना चाहता था, ऐसे में अपराध का ही एक रास्ता था, जो उसे करोड़पति बना सकता था. तेजिंदर उस रास्ते पर चला तो लेकिन उस ने गलती कहां कर दी कि पैसे के बजाय उसे जेल मिल गई...

पंजाब के जिला मोहाली के फेज-9 में बलविंदर सिंह अपनी पत्नी जसविंदर कौर, बेटी हरिंदर कौर और नाती मेहरम सिंह संधू के साथ रहते थे. बलविंदर सिंह साधनसंपन्न आदमी थे. उन के यहां किसी चीज की कमी नहीं थी. हरिंदर कौर उन की एकलौती संतान थी. नाजों से पलीबढ़ी हरिंदर कौर का ब्याह खरड़ निवासी निर्मल सिंह के बेटे वरिंदरपाल सिंह संधू के साथ हुआ था. निर्मल सिंह इलाके के दबंग और बड़े किसानों में थे. उन का बेटा वरिंदरपाल सिंह भी उन्हीं जैसा दबंग और मेहनती था. वरिंदरपाल के अलावा उन की एक बेटी परमिंदर कौर थी, जिस का विवाह प्रभजोत सिंह के साथ हुआ था.

शादी के कुछ दिनों बाद हरिंदर कौर पढ़ने के लिए आस्ट्रेलिया चली गई. उस की मां जसविंदर कौर वहीं रहती थीं. कुछ ही दिनों बाद वरिंदरपाल सिंह भी पत्नी हरिंदर कौर के पास आस्ट्रेलिया चला गया. उसे वहां नौकरी मिल गई तो उस ने वहीं रहने का मन बना लिया. शादी के लगभग डेढ़ साल बाद हरिंदर कौर ने एक बेटे को जन्म दिया, जिस का नाम मेहरम सिंह रखा गया. मेहरम 6 महीने का था, तभी नाती को ले कर जसविंदर कौर मोहाली आ गईं. बेटे के बगैर हरिंदर कौर भी नहीं रह पाई तो कुछ दिनों बाद वह भी भारत आ गई. एकलौती संतान होने के नाते बलविंदर सिंह और जसविंदर कौर का जो भी था, वह हरिंदर कौर और उस के बच्चों का ही था. बलविंदर सिंह और जसविंदर कौर को भी बेटी का ही सहारा था, इसलिए हरिंदर कौर भारत आई तो आस्ट्रेलिया वापस नहीं गई.

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