पांचवां एपिसोड
वेब सीरीज का पांचवां एपिसोड डौली भाटिया पर फोकस है. उस का आशियाना हाउस वापस खरीदने के लिए वह कर्मा तलवार के पास जाती है. वह उस की कमजोरी का पता लगा कर उसे एक्सपोज करने की धमकी देती है. उस के जाने के बाद कर्मा तलवार के पास पहुंच कर जाने खान गुलदस्ता देता है. इस में हिडन कैमरा लगा होता है. उसे कर्मा तलवार दया अम्मा के असली पैन ड्राइव के साथ डौली भाटिया को भेज देती है.
उस गुलदस्ते में लगे हिडन कैमरे को जाने खान देखता है तो वहां कौशल कोठारी दिखाई देता है. वहां डौली भाटिया के साथ उस का विवाद होता है.
इस दौरान वह डौली भाटिया और इंद्राणी कोठारी की तसवीर को तोड़ देता है. इस तसवीर में कर्मा तलवार को डौली भाटिया वेटर के रूप में देख लेती है. उस ने ऐसा कब और कैसे किया, इस बारे में रोमांच डायरेक्टर पैदा ही नहीं कर सकी.
उस तसवीर को लेने के लिए जाने खान वहां चला जाता है. तब इंद्राणी कोठारी के लिए सूचना जुटाने वाला समीर वहां पहुंच जाता है. वहां डौली भाटिया के साथ उस का विवाद होता है और धक्कामुक्की में वह हाईराइज मल्टी से गिर कर जख्मी हो जाती है.
कोमा में होने के कारण समीर का राज उजागर नहीं होता. डायरेक्टर इस एपिसोड में पुलिस को ले कर आना ही भूल गए. हालांकि जाने खान के हिडन कैमरे में कैद वीडियो जिस में वह इंद्राणी को डौली के साथ हुई घटना की जानकारी देता है, वह मेल पर कौशल कोठारी को भेजा जाता है.
यह देखने के बाद समीर को कौशल कोठारी नौकरी से निकाल देता है. पूरी वेब सीरीज में दर्शकों को कोई याद रहने वाला लम्हा या डायलौग देखने को नहीं मिलेगा. इस में डायरेक्टर से ज्यादा स्क्रिप्ट राइटर को दोष दिया जा सकता है.
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छठवां एपिसोड
‘कर्मा कालिंग’ वेब सीरीज का छठवां एपिसोड डौली भाटिया की हाईराइज बिल्डिंग से गिरने वाली घटना से शुरू होता है. कर्मा तलवार वीडियो को देख कर तय करती है कि वह उसे कौशल कोठारी को भेजेगी, ताकि शक उस पर जाए और वह बच जाएगी.
वेब सीरीज की डायरेक्टर छठवें एपिसोड में सारे किरदारों को समेटने का काम करने लगती है. इस प्रयास में सारे पात्रों की कहानी दर्शकों को बिखरती हुई लगती है.
अहान कोठारी अपना घर छोड़ कर कर्मा तलवार के साथ रहने लगता है. इस के अलावा वह वेदांत कोहली के कैफे में जौब करता है. जबकि वेदांत का भाई आदर्श कोठारी की छोटी बेटी मीरा (देवांगी सेन) के साथ प्यार की क्लास लगाना शुरू कर देता है.
अहान की लाइफ में हुई बात को डायरेक्टर ने बेहद हलके में बताया. इंद्राणी कोठारी और कौशल कोठारी के अलावा बाकी अन्य किरदार के अभिनय दर्शकों के दिलोदिमाग पर कोई प्रभाव नहीं छोड़ रहे. पूरी वेब सीरीज के हर एपिसोड में सिर्फ पार्टी और इवेंट के कई मौके डायरेक्टर ने जरूर पैदा किए हैं.
एपिसोड के आखिरी में नौकरी से निकाला गया समीर, होटल के उस कमरे में, जहां से डौली भाटिया गिरी थी वह आतेजाते सीसीटीवी फुटेज में जाने खान को देख लेता है. छठवें एपिसोड के अंत में अचानक वेदांत कोहली के मन में डायरेक्टर प्रेम का भाव पैदा कर देती है, यह बात दर्शकों के गले नहीं उतरती.
यह सब कुछ डांडिया इवेंट में होने लगता है. इसी दौरान समीर पिस्टल की नोक पर जाने खान को अगवा कर ले जाता है. वह उस दिन कमरे में जाने की वजह पूछता है. समीर उस से यह जानना चाहता है कि उसे इंद्राणी ने भेजा या फिर उस के पति कौशल ने पहुंचाया था. इसी दौरान कर्मा तलवार उस कमरे में आ जाती है.
काफी बिखरी हुई वेब सीरीज में डायरेक्टर कोई सस्पेंस पैदा नहीं कर सकी है. इतने भारी बजट के बावजूद वेब सीरीज अच्छे संगीत की कमी से जूझती नजर आई. जबकि कई मौकों पर गीतसंगीत के डायरेक्टर ने कई अवसर भी पैदा किए.
सातवां एपिसोड
वेब सीरीज का अंतिम एपिसोड सातवां है, जहां क्लाईमैक्स जैसा भाव पैदा करने में डायरेक्टर नाकाम साबित हुई. वेब सीरीज के पहले एपिसोड के पहले सीन से शुरू हुए क्लाइमैक्स तक उसे कनेक्ट करने में डायरेक्टर कामयाब नहीं हुई.
वेब सीरीज इंद्राणी कोठारी के इकलौते बेटे अहान कोठारी के मर्डर से शुरू होती है. उस की लाश के साथ वेदांत कोहली होता है, जिस के कैफे में अहान नौकरी करने जाता है.
ऐसे ही कई विषय जगहजगह बिखरने के कारण वेब सीरीज औसत ही कही जा सकती है. एपिसोड में जगहजगह बिखरते हुए अंतिम दौर में कई दिशाओं में घूम जाती है. कमजोर संवाद और कलाकारों के कमजोर प्रदर्शन का अहसास दर्शकों को होगा. शुरुआत के 3 एपिसोड में जिन से कर्मा तलवार ने बदला लिया, उन का क्या हुआ उस की जानकारी का अभाव दर्शक महसूस करेंगे.
वेब सीरीज में कारपोरेट कल्चर और उन के घर के वातावरण को दिखाया गया है. डायरेक्टर लग्जरी लाइफ को दिखाने में फोकस रही. नतीजतन वह ओटीटी के आम दर्शकों को छूने वाला विषय बनने में कामयाब नहीं हो सका. जबकि वेब सीरीज बदले पर केंद्रित होनी चाहिए थी. बदले की बजाय मूल वेब सीरीज ‘रिवेंज’ की आत्मा की भारतीय डायरेक्टर ने हत्या कर दी.
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वेब सीरीज में जाने खान के जरिए अंतिम एपिसोड में समलैंगिता को भी परोसा गया है. यह वेब सीरीज में साजिश थी, लेकिन कमजोर पटकथा और संपादन के चलते उस की प्रस्तुति भी पूरी तरह फिसड्डी साबित हुई.
एपिसोड के अंत में कर्मा तलवार की वास्तविक कलाकार की एंट्री होती है, जिसे इंद्राणी कोठारी का सिक्योरिटी इंचार्ज समीर श्रद्धांजलि सुधारशाला में जा कर तलाश लेता है. वेब सीरीज में नकली कर्मा तलवार असली जीवन में अंबिका मेहरा होती है.
वहीं अंबिका मेहरा जोकि वास्तव में कर्मा तलवार है वह कालगर्ल की लाइफ जीती है. वह पैसों पर अमीरों को सेवाएं देती है. इसलिए दर्शकों को यह वेब सीरीज ज्यादा आकर्षित नहीं कर पाई.