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तारतम्य का दिखा अभाव

पुलिस टीम को देख कर ट्रक ड्राइवर और कादरी का साला भागते हैं. लेकिन कुछ दूर ड्राइवर पुलिस के हत्थे लग जाता है. वहीं कादरी का साला जीजा के घर पहुंच जाता है. वह पुलिस से बचने के लिए जीजा से मदद मांगता है. कादरी उसे फटकारते हुए डांटता है तो कादरी की पत्नी सकीना कादरी को रोकती है. उस के कहने पर इस्माइल कादरी उसे स्टेशन पर ट्रेन में बैठा कर लौट रहा होता है तो उसे 2 कांस्टेबल ऐसा करते हुए देख लेते हैं.

यहां इस पूरे वाकए का जिक्र इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि केके मेनन उन्हीं 2 साथियों में से एक साथी के सामने झूठ बोलने वाले अभिनय को सही तरीके से नहीं निभा सका. यहां भी मेनन से ज्यादा डायरेक्टर की कमजोरी उजागर होती है. क्योंकि मेनन तो परिपक्व कलाकार है और उसे पता भी होता है कि यहां डायरेक्टर की चूक है. लगता है उस की अक्ल खाली हो गई. यहां वेब सीरीज के डायरेक्टर सुजीत सौदागर ने फिर जबरिया सस्पेंस क्रिएट करने की कोशिश की है.

दरअसल, कादरी का साला स्पैशल टीम के एक अधिकारी का मर्डर कर चुका होता है, जिस के बाद वह अपने जीजा के पास मदद मांगने जाता है. यह बात डाइरेक्टर तब उजागर करता है, जब टीम का दूसरा साथी पूछताछ के लिए उसे थाने ले कर आता है. फ्लैशबैक में मर्डर करते वक्त साले की शर्ट खून में भीग जाती है.

लेकिन जब वह जीजा के सामने दिखाया गया तो उस की शर्ट से खून गायब होता है. उस के बाद जांच करने वाली टीम खून से सनी शर्ट कादरी के घर से बरामद करती है. कुल मिला कर कहानी यह है कि वेब सीरीज के डायरेक्टर इस पूरे घटनाक्रम में तारतम्य मिलाने में कामयाब नहीं हो सके.

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