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छठवें एपिसोड की शुरुआत दारा कादरी के दोस्त को अस्पताल में दिखाने से शुरू होती है. वह कान में दारा को नाम बताने के बाद दम तोड़ देता है. इस के बाद इस्माइल कादरी आ कर दारा को अपराध छोड़ कर सामान्य जीवन जीने की सलाह देता है. जिस के जवाब में दारा कहता है कि आप अपने दोस्त के खूनी को स्टेशन छोड़ने जा सकते हैं पर मैं ऐसा नहीं कर सकता. यहां जबरिया डायरेक्टर ने पितापुत्र के बीच भावनात्मक इमोशनल वाला सीन क्रिएट करते हुए दर्शकों को बोझिल कर दिया.

दारा कादरी का गिरोह मौत के बाद ऐक्शन में आता है. वह पठान गिरोह के लोगों को चुनचुन कर मौत के घाट उतारने लग जाते हैं. पठान अपने भांजों को ले कर यहांवहां छिपाने लगता है. दोनों वेब सीरीज में शूटर दिखाए गए हैं. इस के बावजूद हाथ में गन ले कर दारा कादरी से बच कर भागते हुए फिल्माया गया. बाहर निगरानी कर रहे दारा के आदमी उन्हें दबोच लेते हैं.

यहां दोनों की क्रूरता के साथ हत्या करते हुए डायरेक्टर ने फिल्माया है. नासिर को नंगा कर के उस के कूल्हे पर धारदार हथियार से वार कर के मर्डर का सीन फिल्माया है. इस के बाद दारा के नाम का दबदबा बंबई में बढ़ जाता है. यहां दारा कादरी की तरक्की को दिखाया जाने लगता है. उसे दुबई में शेखों से मुलाकात के जरिए शक्तिशाली बनते हुए दिखाया गया है.

सातवें एपिसोड में कहानी फिर इस्माइल कादरी पर जबरिया पलटाई जाती है. वह अपनी पत्नी से कहता है कि इन सब हराम की दौलत के बीच में मेरे ईमान का दम घुटता है. जिस के बाद वह किराए के कमरे में रहने के लिए चला जाता है.

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