Extramarital Affair : बालेश्वर जो कर रहा था, वह गलत था. लेकिन हकीकत जानने के बाद सोमेश उर्फ सोनू ने जो कदम उठाया, वह भी सही नहीं था. लेकिन सवाल यह है कि वह करता भी तो क्या...
बात 9 अक्तूबर, 2018 की है. उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के थाना बेला के एसओ विष्णु गौतम अपने औफिस में बैठे थे. तभी सुबह करीब 10 बजे एक युवक उन से मिलने आया. वह बेहद घबराया हुआ था. गौतम ने उसे कुरसी पर बैठने का इशारा किया. बैठ जाने के बाद उन्होंने उस से पूछा, ‘‘क्या बात है, तुम कुछ परेशान लग रहे हो? जो भी बात है, बताओ.’’
एसओ की बात सुन कर युवक बोला, ‘‘सर, मेरा नाम सोमेश है. मैं धरमंगदपुर गांव में रहता हूं. रात को किसी ने मेरे पिता और मेरी 4 साल की भांजी की हत्या कर दी है. आप जल्दी मेरे साथ चलें.’’
मामला 2-2 हत्याओं का था, इसलिए एसओ विष्णु गौतम तुरंत पुलिस फोर्स के साथ चल दिए. इस की सूचना उन्होंने उच्चाधिकारियों को भी दे दी थी. धरमंगदपुर गांव थाने से कोई 5 किलोमीटर दूर था. पुलिस को वहां पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगा. उस समय घटनास्थल पर गांव वालों की भीड़ जुटी थी. घर में महिलाओं के रोने से कोहराम मचा था. एसओ मकान की दूसरी मंजिल पर स्थित कमरे में पहुंचे. कमरे का दृश्य बड़ा ही वीभत्स था. कमरे के अंदर 2 लाशें पड़ी थीं. एक लाश घर के मुखिया बालेश्वर पांडेय की थी और दूसरी मासूम पलक की. देख कर लग रहा था कि बालेश्वर के सिर पर किसी भारी चीज से प्रहार किया गया था. जिस से उन का सिर फट गया था और ज्यादा खून बहने से उन की मौत हो गई थी.