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कुछ लोग सुबह 5 बजे उठ जाते हैं, जबकि ज्यादातर लोगों के लिए यह गहरी नींद का समय होता है. ऐसे में किसी के रोने की आवाज कानों में पड़ जाए तो उस की स्थिति बड़ी अजीब हो जाती है. क्योंकि रोने की आवाज को इग्नोर कर के बिस्तर पर पड़े रहना मुश्किल होता है.

1 मई, 2019 की सुबह भी यही हुआ था. कानपुर के गढ़ीवा मोहल्ले में रहने वाले जितेंद्र के घर से आती रोनेपीटने की आवाजों ने अड़ोसपड़ोस के लोगों की नींद खराब कर दी. रोने वाली जितेंद्र की पत्नी निशा थी.

कुछ लोग और महिलाएं जितेंद्र के घर पहुंचे तो निशा छाती पीटपीट कर रो रही थी. लोगों को आया देख उस का रुदन और तेज हो गया. वह रोने के साथसाथ छाती पीटते हुए कहने लगी, ‘‘मैं तो लुट गई, बरबाद हो गई. अब मेरा और मेरे बच्चों का क्या होगा?’’

‘‘आखिर हुआ क्या?’’ एक महिला ने पूछा तो निशा कमरे की ओर इशारा करते हुए बोली, ‘‘घर में बदमाश घुस आए और लूटपाट करने लगे. मनु के पापा ने विरोध किया तो उन्होंने मार डाला उन्हें.’’

अपनी बात कह कर निशा फिर जोरजोर से रोने लगी. मनु निशा के बेटे का नाम था. अब औरतें समझ गईं कि निशा के पति की हत्या हो गई है. जितेंद्र के कत्ल की बात सुन कर मोहल्ले के तमाम लोग एकत्र हो गए. मोहल्ले भर में कोहराम सा मच गया. जितेंद्र फतेहपुर के रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता और कारोबारी महेंद्र सिंह का भतीजा था.

कुछ ही देर में वहां भीड़ जुट गई. किसी ने मोबाइल पर इस बात की सूचना महेंद्र सिंह को दे दी. साथ ही पुलिस को भी बता दिया. सूचना मिलते ही थाना कोतवाली के प्रभारी इंसपेक्टर एस.के. सिंह पुलिस टीम के साथ गढ़ीवा मोहल्ले में जितेंद्र के घर पहुंच गए. उन्होंने यह सूचना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी दे दी थी.

कुछ ही देर में एसपी कैलाश सिंह, एडिशनल एसपी पूजा यादव और सीओ कपिलदेव मिश्रा भी वहां आ गए. फोरैंसिक टीम को भी बुला लिया गया था.

पुलिस ने देखा मकान के एक कमरे के अंदर बैड पर जितेंद्र की लाश पड़ी थी. हत्यारों ने उस का कत्ल बड़ी बेरहमी से किया था. उस की गरदन, पेट और सीने पर चाकू के करीब दरजन भर घाव थे. बिस्तर और फर्श खून से लाल थे. कमरे की अलमारी खुली हुई थी. देखने से लग रहा था कि जितेंद्र की हत्या लूट के चक्कर में की गई थी. फोरैंसिक टीम ने बैड, अलमारी और कुछ अन्य जगहों से फिंगरप्रिंट उठाए.

इस बीच निशा जितेंद्र के शव के पास आ बैठी थी और निरंतर रोए जा रही थी. मोहल्ले की औरतें उसे संभाल रही थीं. एडिशनल एसपी पूजा यादव भी उन महिलाओं में शामिल हो गईं.

उन्होंने उस से घटना के बारे में पूछा तो निशा ने रोतेरोते बताया, ‘‘रात में करीब 12 बजे ये होटल से घर आए थे. खाना खा कर हम लोग कुछ देर बातें करते रहे. फिर ये उसी बैड पर सो गए. मैं भी सोने चली गई. कुछ देर बाद कमरे में खटपट की आवाज सुनाई दी तो मेरी आंखें खुल गईं. मैं ने कमरे में जा कर देखा तो 2 बदमाश थे, जो अलमारी का सामान निकाल कर फेंक रहे थे.

‘‘मैं ने उन का विरोध किया तो बदमाशों ने चाकू निकाल लिया, जिसे देख कर मेरी घिग्घी बंध गई. तभी ये भी जाग गए. इन्होंने बदमाशों का विरोध किया तो उन्होंने इन के ऊपर चाकू से हमला कर दिया और इन्हें चाकू से गोद कर मार डाला. इस के बाद वे लाखों के जेवर, नकदी लूट कर ले गए.

‘‘मैं चीखने लगी तो बदमाशों ने मेरी गरदन पर चाकू रख दिया. फिर मुझे बगल वाले कमरे में ले गए और हाथपैर साड़ी से बांध दिए. फिर वे लोग बाहर से कमरे की कुंडी बंद कर के भाग गए.’’

निशा ने आगे बताया कि कुछ देर बाद वह घिसट घिसट कर दरवाजे के पास आई और दरवाजा पीटने लगी. डर की वजह से उस की आवाज भी नहीं निकल रही थी.

दरवाजा पीटने की आवाज सुन कर किराएदार विनोद आया और उस ने बाहर की कुंडी खोल कर उसे कमरे से बाहर निकाला. सब से पहले उस ने विनोद को ही घटना की जानकारी दी. बाद में अड़ोस पड़ोस की औरतें भी आ गईं.

किराएदार विनोद घटनास्थल पर मौजूद था. एसपी कैलाश सिंह ने उस से पूछताछ की तो उस ने बताया कि वह रात करीब 10 बजे अपने कमरे में सो गया था. सुबह लगभग 4 बजे उसे दरवाजा पीटने की आवाज सुनाई दी. इस के बाद वह कमरे के पास पहुंचा और बाहर से कुंडी खोल कर कमरे के अंदर गया.

वहां देखा तो निशा भाभी के हाथपैर बंधे हुए थे और उन के मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी. उन के हाथ पैरों को खोलने के बाद उस ने उन्हें पीने के लिए एक गिलास पानी दिया. फिर निशा भाभी ने बताया कि बदमाशों ने जितेंद्र भैया की हत्या कर दी है और सामान लूट ले गए हैं.

पुलिस अधिकारियों ने पूरे घर को खंगाला तो पाया कि घर में घुसने का एक ही रास्ता है मेनगेट. सवाल यह था कि बदमाश घर के अंदर दाखिल हुए तो कैसे? घर में 2 ही लोग थे विनोद व निशा. इस का मतलब यह कि बदमाशों के लिए या तो विनोद ने दरवाजा खोला या फिर निशा ने. निशा जिस तरह से पति की मौत पर आंसू बहा रही थी, उस स्थिति में उसे थाने ले जा कर उस से पूछताछ करना संभव नहीं था. इसलिए पुलिस ने निशा को तो हिरासत में नहीं लिया, लेकिन विनोद को पूछताछ के लिए थाने ले आई.

बहरहाल, शुरुआती पूछताछ के बाद पुलिस ने जितेंद्र का शव पोस्टमार्टम के लिए फतेहपुर जिला अस्पताल भिजवा दिया. साथ ही खून आलूदा मिट्टी का नमूना ले कर जांच के लिए सुरक्षित रख लिया गया.

इस बीच मृतक जितेंद्र के चाचा सपा नेता महेंद्र सिंह भी घर आ गए थे. उन्होंने भतीजे की हत्या पर आश्चर्य व्यक्त किया. साथ ही कोतवाली फतेहपुर जा कर अज्ञात हत्यारों के खिलाफ हत्या व लूट की रिपोर्ट दर्ज करा दी. उन्होंने पुलिस अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे जल्द से जल्द हत्यारों का पता लगाने की कोशिश करें.

एडिशनल एसपी और सीओ को सौंपी गई जांच

चूंकि मामला रसूखदार व्यवसायी व नेता महेंद्र सिंह के भतीजे की हत्या का था, इसलिए एसपी कैलाश सिंह ने इस हत्याकांड की जांच एडिशनल एसपी पूजा यादव और सीओ (सदर) कपिलदेव मिश्रा को सौंप दी.

युवा व तेजतर्रार पुलिस अफसर पूजा यादव ने अपनी टीम के साथ एक बार फिर घटनास्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने इस बात का पता लगाया कि घटनास्थल के आसपास कहीं सीसीटीवी कैमरे तो नहीं लगे हैं. इस में उन्हें सफलता मिल गई. मृतक के घर के सामने ही सीसीटीवी कैमरा लगा था.

पुलिस ने घर के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे की रात की फुटेज देखी. घटना वाली रात को फुटेज में एक व्यक्ति करीब एक बजे मेनगेट से जितेंद्र के घर में प्रवेश करता हुआ दिखा. फिर वही व्यक्ति रात में 2 बजे उसी मेनगेट से निकल कर बाहर आता दिखाई दिया. फुटेज धुंधली होने से घर में प्रवेश करने वाले उस शख्स का चेहरा साफ नहीं दिख रहा था.

फुटेज देख कर पुलिस औफिसर पूजा यादव का माथा ठनका. क्योंकि मृतक जितेंद्र की पत्नी निशा यादव ने अपने बयान में कहा था कि उस के घर में 2 बदमाश घुसे थे. जबकि सीसीटीवी फुटेज में एक ही आदमी दिख रहा था. इस से जाहिर हो रहा था कि निशा झूठ बोल रही थी. उस के झूठ में क्या राज छिपा है, उन्हें इस का पता लगाना था. निशा संदेह के घेरे में आई तो पूजा यादव ने उस का मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया.

पूजा यादव को यह भी शक हुआ कि फुटेज में दिख रहा व्यक्ति विनोद तो नहीं है. कहीं विनोद और निशा ने मिल कर तो जितेंद्र  की हत्या नहीं कर दी. विनोद पुलिस हिरासत में पहले से था. अब पूजा यादव ने उस से सख्ती से पूछताछ की. लेकिन वह अपने बयान पर कायम रहा.

उस ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हत्या में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया. हां, उस ने यह जरूर बताया कि किसी बात को ले कर कुछ दिन पहले जितेंद्र भैया और निशा भाभी में खूब झगड़ा हुआ था. तब भैया ने भाभी को पीटा भी था.

काफी पूछताछ के बाद जब लगा कि विनोद बेकसूर है तो एडिशनल एसपी पूजा यादव ने उसे क्लीन चिट दे कर घर भेज दिया. इस के बाद पूजा यादव सीओ कपिलदेव मिश्रा को ले कर वर्मा चौराहा स्थित महेंद्र कांटिनेंटल होटल पहुंचीं.

यह आलीशान होटल सपा नेता महेंद्र सिंह यादव का था और इस होटल का संचालन मृतक जितेंद्र सिंह यादव करता था. पुलिस अधिकारियों ने होटल स्टाफ से पूछताछ की तो पता चला कि किसी बात को ले कर जितेंद्र की विकास यादव से तूतू मैंमैं हुई थी.

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