लड़की जब शादी योग्य हो जाती है तो वह अपने भावी जीवन को ले कर सपने बुनने लगती हैं, कुछ भावी पति के बारे में, कुछ घरपरिवार के बारे में और कुछ अपने लिए. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर मांबाप बचपन से ही बेटी के मन में यह बात बैठाना शुरू कर देते हैं कि शादी के बाद वह पराई हो जाएगी. कौन लड़की कैसे सपने बुनती है, यह उस की व्यक्तिगत और पारिवारिक स्थिति पर निर्भर करता है.

मुंबई के मानखुर्द की रहने वाली रोहिणी गुलाब मोहिते ने भी अपने जीवनसाथी को ले कर तरहतरह के सपने संजोए थे. पिता ने जब उस का विवाह मुंबई के ही अभिजीत घोरपड़े के साथ कर दिया तो अपने दिल में वह तमाम उमंगें लिए ससुराल चली गई.

रोहिणी को मनमुताबिक पति मिला, जिस से वह हर तरह खुश थी. अभिजीत उसे बहुत प्यार करता था. उन की गृहस्थी हंसीखुशी से चल रही थी. इसी दौरान रोहिणी एक बच्चे की मां भी बन गई. परिवार में बच्चे के आने से उन की खुशी और बढ़ गई.

लेकिन उन की इस खुशी की उम्र बहुत कम निकली. बच्चा अभी अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हो पाया था कि अभिजीत की मृत्यु हो गई. पति की मौत के बाद रोहिणी की जिंदगी में अंधेरा छा गया. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करे. कुछ नहीं सूझा तो वह अपने बच्चे को ले कर मायके आ गई.

पति की मौत के गम में वह दिन भर सोचती रहती. उसे न खाने की चिंता रहती न पीने की. वह हर समय गुमसुम रहती थी. घर वालों और अन्य लोगों के समझाने पर रोहिणी ने घर से बाहर निकलना शुरू किया. बाहर निकलने से रोहिणी धीरेधीरे सामान्य होती गई. किसी के सहयोग से उसे वाशी नवी मुंबई के एक अस्पताल में कौन्ट्रैक्ट पर नौकरी मिल गई.

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