Suicide Case: दिशा डाक्टरी पढ़ रही थी तभी उसे अपने सीनियर शुभेंदु सारस्वत से प्यार हो गया. उस ने उस से विवाह भी कर लिया. शादी के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि दिशा को आत्महत्या करनी पड़ी. एकलौती बेटी होने की वजह से दिशा मांबाप की बेहद लाड़ली थी. उस के मांबाप के पास इतना कुछ था कि उस ने जो चाहा, उसे वह मिला. पिता रविंद्र सलूजा और मां अनीता सलूजा ने उस की हर इच्छा पूरी की थी. मूलरूप से टैगोर गार्डन, दिल्ली के रहने वाले रविंद्र सलूजा यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया में मैनेजर थे. उन के परिवार में पत्नी अनीता सलूजा, बेटा रजत और बेटी दिशा सलूजा थी. उन की तबादले वाली नौकरी थी. पिछले कई सालों से उन की तैनाती आगरा के फ्रीगंज स्थित शाखा में थी.

आगरा में रविंद्र सलूजा थाना न्यू आगरा के दयालबाग स्थित प्रतीक्षा एन्कलेव में मोहनलाल की कोठी नंबर 69 का ग्राउंड फ्लोर किराए पर ले कर रह रहे थे. रजत ने गुड़गांव से सौफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढा़ई की तो उसे वहीं किसी कंपनी में नौकरी मिल गई थी. रजत की नौकरी लग गई तो रविंद्र सलूजा ने मुजफ्फरनगर के बिजनसमैन गुलशन बाटला की बेटी सिल्की से उस की शादी कर दी थी. गे्रजुएशन करने के बाद दिशा ने मोदीनगर के डी.जे. डेंटल कालेज में दाखिला ले लिया था. वहां वह कालेज के गर्ल्स हौस्टल में रहती थी. वे दिन दिशा की जिंदगी के गोल्डन डेज थे. उन्हीं दिनों दिशा की मुलाकात शुभेंद्र सारस्वत से हुई. वह उस का सीनियर था.

शुभेंदु दिल्ली के शाहदरा के गोरख पार्क एक्सटेंशन का रहने वाला था. वह मोदीनगर के उसी कालेज से एमडी कर रहा था, जहां से दिशा बीडीएस कर रही थी. उस के पिता स्व. भारतेंदु सारस्वत कश्मीरी ब्राह्मण थे, जबकि मां बीना सारस्वत पजांबी थीं. भारतेंदु आयुर्वेदिक डाक्टर थे, बरसों पहले उन की मौत हो चुकी थी. पति की मौत के बाद बीना सारस्वत ने बेटे शुभेंदु और बेटी सुनैना की परवरिश की थी. वह दिल्ली के सरिता विहार स्थित सेंट जोसेफ एकेडमी में अध्यापिका थीं. सुनैना की शादी अभिलेश के साथ हुई थी. वह पति के साथ दुबई में रहती थी. एकलौता बेटा होने की वजह से बीना की सारी उम्मीदें शुभेंदु पर ही टिकी थीं.

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