मुख्यमंत्री व डीजीपी कार्यालय से ली गई जानकारी
जैसे ही यह खबर चर्चा में आई, वैसे ही मुख्यमंत्री और डीजीपी कार्यालय से लगातार इस की जानकारी की जाने लगी थी. ऐसे में पुलिस भी युवती की हत्या का परदाफाश करने को ले कर तनाव में थी.
दिल्ली-एनसीआर में मृतका के पोस्टर भी लगवाए. इस के अलावा पुलिस की टीमें युवती की पहचान के लिए गुरुग्राम, अलीगढ़, हाथरस, नोएडा, आगरा और दिल्ली तक पहुंचीं.
इस के बाद कानपुर देहात जिले से एक परिवार जानकारी होने पर 19 नवंबर, 2022 की सुबह थाना राया पहुंचा. उन की बेटी 11 नवंबर से गायब थी. पुलिस ने जब मृतका के फोटो उस परिवार को दिखाए तो वह लाश उन की बेटी की नहीं निकली. अलीगढ़ से भी एक परिवार पहुंचा था. और भी कई जिलों से पुलिस के पास फोन आए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.
आखिर में पुलिस की मेहनत रंग लाई. 48 घंटे बाद किसी अंजान व्यक्ति का राया पुलिस के पास फोन आया. फोन करने वाले ने बताया कि उस ने एक वाट्सऐप ग्रुप में जो अज्ञात युवती की लाश देखी है, वह उसे पहचानता है. उस युवती का नाम आयुषि यादव है, जो मकान नंबर 2461, गली नंबर 65, ब्लौक ई-2 मोलड़बंद एक्सटेंशन, थाना बदरपुर, नई दिल्ली की रहने वाली है.
यह जानकारी मिलने के बाद कार्यवाहक एसएसपी मार्तंड प्रकाश सिंह ने 2 टीमों को 20 नवंबर को दिल्ली रवाना कर दिया. पुलिस की टीमें फोन पर बताए गए दिल्ली के पते पर पहुंच गईं. फोटो का मिलान करते हुए पुलिस टीम ने घर वालों से पूछताछ की.
पुलिस ने मृतका का फोटो जब उन्हें दिखाया तो उन्होंने वह पहले फोटो पहचानने से इंकार कर दिया, लेकिन पुलिस के पास पुख्ता जानकारी थी कि ये फोटो आयुषि के ही हैं. इसलिए बारबार पुलिस ने पूछा तो आयुषि के छोटे भाई आयुष ने बताया कि ये फोटो उस की बड़ी बहन आयुषि की है.
48 घंटे तक हवा में तीर चला रही पुलिस को यहीं से उम्मीद की किरण दिखी. पूछताछ में परिजनों ने बताया कि आयुषि 17 नवंबर, 2022 की सुबह घर से कहीं गई थी.
‘‘जब गायब थी तो आप ने इस की सूचना स्थानीय पुलिस को क्यों नहीं दी?’’ पुलिस ने पूछा.
पुलिस के इस सवाल पर परिजनों ने कहा कि वह अपने स्तर से उसे तलाश रहे थे.
आयुषि 17 नवंबर की सुबह घर से गई थी. उस का शव पुलिस को 18 नवंबर को मिला था. शव की हालत देख कर 12 से 16 घंटे पहले हत्या होने का अनुमान लगाया जा रहा था. इस का मतलब यह हुआ कि घर से निकलने के बाद जहां भी आयुषि गई, वहां रात में उस की हत्या के बाद सुबह के समय शव को मथुरा ला कर डाला गया था.
उस समय घर पर आयुषि का पिता नितेश यादव मौजूद नहीं था. पुलिस ने नितेश यादव के बारे में जानकारी की तो पता चला कि वह इलैक्ट्रीशियन है और काम करने गया है. पुलिस उस के भाई को साथ ले कर नितेश को तलाशने लगी.
कई घंटों की तलाश के बाद 44 वर्षीय पिता नितेश एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय में मिल गया. पिता नितेश, मां ब्रजबाला व भाई आयुष को ले कर पुलिस मथुरा के लिए रवाना हुई ताकि वह लाश की शिनाख्त कर सकें.
नितेश ने पुलिस से मांगी बीयर
20 नवंबर, 2022 रविवार की देर शाम पोस्टमार्टम गृह पर शव को देखते ही उन सभी ने लाश की पहचान आयुषि के रूप में कर ली. मां फूटफूट कर रोने लगी.
हालांकि पुलिस को शुरुआत में घर वालों से बात करने के दौरान ही शक हो गया था कि आयुषि की हत्या औनर किलिंग में की गई है. इसी के चलते पुलिस नितेश यादव को पोस्टमार्टम गृह तक नहीं लाई.
प्राइवेट कार से एसएचओ ओमहरि बाजपेयी, एसआई विनय कुमार और एक सिपाही के साथ केवल मां ब्रजबाला और भाई आयुष को ही लाया गया था. नितेश का परिवार मूलरूप से गांव सुनारी, देवरिया (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है.
दिल्ली में एक राजनीतिक दल के चुनाव कार्यालय से पुलिस ने नितेश यादव को उठाया था. हत्यारोपी नितेश पूरी शिद्दत से एमसीडी चुनाव में जुटा हुआ था. वह उस समय नशे में धुत था. नशे में होने के कारण पुलिस ने उसे अलग गाड़ी में बैठाया.
शव की पहचान के लिए स्वाट टीम नितेश को ले कर मथुरा चली तो रास्ते में पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू कर दी. पूछताछ के दौरान ही उसने बीयर पीने की मांग की. पुलिस ने युवती की हत्या की सच्चाई जानने के लिए उस की इच्छा पूरी की. इस के बावजूद वह पुलिस को गुमराह करता रहा.
आखिर 20 नवंबर, 2022 की देर रात लगभग साढ़े 11 बजे पुलिस ने जब सख्ती की तो नितेश टूट गया. उस ने अपनी 22 वर्षीय बेटी आयुषि यादव की गोली मार कर हत्या करने का जुर्म कुबूल कर लिया.
कार्यवाहक एसएसपी मार्तंड प्रकाश सिंह ने प्रैस कौन्फ्रैंस में जानकारी देते हुए बताया कि आयुषि की हत्या पिता नितेश और मां ब्रजबाला ने मिल कर की थी. हत्या के बाद सबूत छिपाने में दोनों शामिल थे. आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कार, लाइसेंसी रिवौल्वर, 2 खोखों को अब तक बरामद कर लिया गया था.
आयुषि ने चोरीछिपे की थी लव मैरिज
आयुषि दिल्ली ग्लोबल इंस्टीट्यूट औफ टेक्नोलौजी में बीसीए की अंतिम वर्ष की होनहार छात्रा थी. राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला छत्रपाल गुर्जर का एक रिश्तेदार आयुषि का सहपाठी था.
सहपाठी ने आयुषि से छत्रपाल का परिचय कराया. छत्रपाल भी दिल्ली में बैंक प्रतियोगिता की तैयारी कर रहा था. इसी दौरान दोनों की दोस्ती हो गई और दोनों ने अपने फोन नंबर एकदूसरे को दे दिए.
यहीं से दोनों के अफेयर की शुरुआत हुई. दोनों ने एक दिन हाथ पकड़ कर जीवन भर साथ देने का वादा किया. जब इस की जानकारी आयुषि के घर वालों को हुई तो उन्होंने विरोध किया.
विरोध के बावजूद आयुषि ने छत्रपाल से चोरीछिपे 13 नवंबर, 2021 को दिल्ली के आर्यसमाज मंदिर में शादी कर ली थी. जबकि उस ने इसी वर्ष 14 अक्तूबर को शाहदरा के जिला मजिस्ट्रैट के कार्यालय में अपने विवाह का पंजीकरण करा लिया था.