Rajasthan News : सुनीता वर्मा और पूजा उर्फ पूनम चौधरी भाजपा और कांग्रेस पार्टी की नेता थीं. क्षेत्र में उन का मानसम्मान था, साथ ही अच्छीखासी पहचान भी. लेकिन राजनीति की आड़ में दोनों महिला नेता ऐसा घिनौना काम कर रही थीं, जिस के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था. जब सच्चाई सामने आई तो...

राजस्थान में बलात्कार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. मासूम बच्चियों से ले कर विवाहित महिलाएं तक शिकार बन रही हैं. बढ़ती वारदातों से ऐसा लगता है जैसे अपराधियों को न तो खाकी वर्दी का डर है और न ही सरकार का. घटना के बाद विपक्षी पार्टियों के लोग हायतौबा मचाते हैं और फिर थोड़े दिन बाद मामला शांत हो जाता है. पिछले दिनों राजस्थान के सवाई माधोपुर शहर में एक ऐसा मामला सामने आया जो राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चर्चित हो गया. ताज्जुब की बात यह कि इस सनसनीखेज अपराध में सत्तापक्ष और विपक्ष की जिलास्तर की महिला नेता शामिल थीं.

जिन महिलाओं की हम बात कर रहे हैं, वे दोनों सवाई माधोपुर में रहती थीं. उन में सुनीता वर्मा भारतीय जनता पार्टी (महिला मोर्चा) की जिलाध्यक्ष थी तो दूसरी पूजा उर्फ पूनम चौधरी कांग्रेस सेवा दल (महिला प्रकोष्ठ) की पूर्व जिलाध्यक्ष थी. चूंकि दोनों ही जिला स्तर की नेता थीं, इसलिए उन की क्षेत्र में अच्छी साख थी. पूजा और सुनीता वर्मा लोगों के सरकारी काम कराने में मदद करती थीं. लोग उन पर भरोसा करते थे और दोनों को गरीबों की मसीहा मानते थे. अलगअलग राष्ट्रीय पार्टियों की जिलाध्यक्ष थीं, इसलिए जिले के सरकारी महकमों में उन की अच्छी जानपहचान थी. एक दिन कांग्रेस सेवादल (महिला प्रकोष्ठ) की पूर्व जिलाध्यक्ष पूनम चौधरी नेम सिंह के घर पहुंची.

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