Hindi Crime Story: समझदार होते ही सोनू की समझ में आ गया था कि यह दुनिया मूर्खों से अटी पड़ी है, बस मूर्ख बनाने का तरीका मालूम होना चाहिए. इस के बाद उस ने तंत्रमंत्र सीखा और अंधविश्वास में डूबे लोगों को मूर्ख बनाने लगा. उस की पोल तो तब खुली, जब वह तीसरी शादी के चक्कर में पड़ा.
निशा उन दिनों कुछ ज्यादा ही परेशान थी. उस की परेशानी का आलम यह था कि उसे खानेपीने तक की सुध नहीं रहती थी. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यह सब हो क्या रहा है? पिछले 2-3 महीने से कुछ ऐसा उलटा चक्कर चल रहा था कि उस का अच्छाखासा चल रहा घर डूबते जहाज की तरह हिचकोले लेने लगा था. पहले मां बीमार हुई, उस के बाद छोटे भाई का हाथ टूट गया. उन दोनों को संभालने के चक्कर में उस की अपनी नौकरी चली गई. मां कुछ ठीक हुई तो उस ने दौड़भाग कर छोटामोटा काम ढूंढा, लेकिन मां एक बार फिर बीमार पड़ गई.
रोज कुआं खोद कर पानी पीने वालों के घर पैसा होता ही कहां है? निशा ने जो थोड़ाबहुत जमा कर रखा था, वह सब मां और भाई के इलाज पर खर्च हो गया. अब मां का इलाज कराने की कौन कहे, खाने के भी लाले पड़ गए. वह मां का इलाज कराए या खाने का इंतजाम करे. मकान मालिक का किराया भी वह 3 महीने से नहीं दे पाई थी. निशा परेशान थी कि ऐसे में कैसे क्या होगा? वह मां के इलाज और खानेपीने का जुगाड़ करने में जूझ ही रही थी कि एक अन्य खबर ने उसे झकझोर कर रख दिया. मकान मालिक ने उसे बुला कर कहा कि वह उस का पिछला सारा किराया अदा कर के मकान खाली कर दे.






