Maharashtra Crime New: गरीबी में पलीबढ़ी शशिकला पाटनकर उर्फ बेबी ने महलों में रहने के जो सपने देखे थे, वे पूरे तो कर लिए, लेकिन न जाने कितनों के सपने तोड़ कर. अपने सपने पूरे करने के लिए उस ने जो रास्ता अख्तियार किया, क्या वह उचित था....

महाराष्ट्र के नवी मुंबई पनवेल के खारपाडा टोला नाके के पास जैसे ही एक लग्जरी बस आ कर रुकी, फुरती से उस में एक महिला के साथ कई लोग चढ़ गए. उन में से एकएक आदमी बस के दोनों गेटों के पास खड़े हो गए, ताकि बस से कोई भी आदमी बाहर न जा सके, बाकी लोग ड्राइवर के पीछे वाली सीट पर बैठी महिला के पास जा कर खड़े हो गए. महिला देखने में किसी धनाढ्य परिवार की लग रही थी. बस में चढ़े लोगोेंके साथ चढ़ी महिला ने सीट पर बैठी महिला से कहा, ‘‘मैडम चलिए, आप का सफर खत्म हो गया है. अब आप को हमारे साथ चलना है.’’

सीट पर बैठी उस महिला ने खड़ी महिला को एक बार ऊपर से नीचे तक देखा. इस के बाद थोड़ी नाराजगी जताते हुए बोली, ‘‘क्या मतलब है आप का. आप हैं कौन और मुझ से इस तरह की बात क्यों कह रही हैं?’’

‘‘हम कौन हैं, यह अभी आप को पता चल जाएगा. हम मतलब भी बता देंगे. बहरहाल अभी तो आप को हमारे साथ चलना होगा.’’ उस महिला को सवारी से बहस करता देख बस के ड्राइवर और कंडक्टर को बुरा लगा. उन्होंने सीट पर बैठी महिला का पक्ष लेते हुए उन लोगों से पूछा, ‘‘आप लोग कौन हैं, जो बस में बैठी महिला से इस तरह की बातें कर रहे हैं.’’

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