दरअसल अंकुर जिस होटल में काम करता था, उस होटल के किसी ग्राहक का क्रेडिट कार्ड चोरी हो गया था. बाद में वह क्रेडिट कार्ड होटल के एक कर्मचारी के पास मिला था. इसी की वजह से होटल मैनेजमेंट का अपने सभी कर्मचारियों से भरोसा उठ गया था. फलस्वरूप होटल मैनेजमेंट ने अपने सभी कर्मचारियों को अपना करेक्टर सर्टिफिकेट लाने के लिए कहा था. अंकुर अपना कैरेक्टर सर्टीफिकेट लेने ही दिल्ली आया था.
जब यह जानकारी क्राइम ब्रांच की टीम को मिली तो उस ने अंकुर पंवार से मिलने का मन बना लिया. हालांकि टीम को इस की उम्मीद कम ही थी कि अंकुर से कुछ खास पता चल पाएगा. लेकिन उन्होंने सोचा कि जहां कालोनी के 30-40 युवकों से पूछताछ की जा चुकी है, वहीं एक युवक से और सही.
16 जनवरी, 2014 को क्राइम ब्रांच की टीम ने अंकुर पंवार के घर जा कर उस से पूछताछ की. पुलिस टीम के सवालों से अंकुर घबरा गया. हालांकि उस ने खुद को जल्दी ही संभाल लिया. पूछताछ में उस ने प्रीति राठी पर तेजाब फेंकने के मामले में खुद को निर्दोष बताया. उस का कहना था कि जिस दिन प्रीति पर एसिड फेंका गया था, उस दिन वह एक नौकरी के लिए इंटरव्यू देने हरिद्वार गया हुआ था. वहां चूंकि रात हो गई थी, इसलिए जिस होटल में इंटरव्यू था, वह उसी होटल में ठहर गया था.
लेकिन क्राइम ब्रांच ने जब अंकुर के इस दावे की सत्यता की जांचपड़ताल की तो उस के झूठ की पोल खुल गई. उस ने जिस होटल का जिक्र किया था, जब उस होटल में पूछताछ की गई तो वहां के कर्मचारियों ने बताया कि 28 मई, 2013 को उन के यहां इस नाम का कोई युवक इंटरव्यू देने नहीं आया था.