Real Crime Story Hindi: बब्बू, गप्पू और पप्पू की दुश्मनी अमीन बाबा से थी, लेकिन इस का खामियाजा उन की बेटी रूबीना को अपनी जान दे कर इसलिए भुगतना पड़ा, क्योंकि उस की शिकायत को चौकीइंचार्ज से ले कर डीआईजी तक ने गंभीरता से नहीं लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को एक ऐसे शहर के रूप में पहचान दिलाने का वादा कर चुके हैं, जिस से यहां के निवासियों को अपने इस शहर पर गर्व हो.  वैसे भी उत्तर प्रदेश नगरी वाराणसी धर्म और आध्यात्म की पोषक रूप में जानी पहचानी जाती रही है. उसी वाराणसी शहर में सन 2014 के जातेजाते मानवता को शर्मसार करने वाली एक ऐसी अमानवीय घटना घटी, जिस ने गुंडों और पुलिस के काकटेल की सांठगांठ उजागर कर दी.

वाराणसी शहर के थाना सिगरा का एक मोहल्ला है माताकुंड. स्थानीय लोग इसे लल्लापुरा भी कहते हैं. इसी मोहल्ले में पुलिस चौकी से लगे मकान में मोहम्मद अमीन अपने परिवार के साथ रहते थे. उन के परिवार में पत्नी कुरैशा बीबी के अलावा 3 बेटे और 3 बेटियां थीं. मोहम्मद अमीन एक बुनकर थे. उसी की आमदनी से वह जैसेतैसे अपने घरपरिवार को चला रहे थे. पैसों की तंगी की वजह से वह बच्चों को प्राइमरी से आगे नहीं पढ़ा सके. जैसेजैसे बच्चे जवान होते गए, वह उन की शादियां करते गए. उन की सब से छोटी बेटी रूबीना की सोच अन्य बच्चों से थोड़ा अलग थी.

पांचवीं पास करने के बाद मोहम्मद अमीन ने उसे भी घर बैठाना चाहा, लेकिन रूबीना ने जिद कर के आगे की पढ़ाई जारी रखी. उसे पढ़ाई में रुचि थी, इसलिए उस ने हाईस्कूल की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की. वह वकील बनना चाहती थी. चूंकि वह सब से छोटी थी, इसलिए वह सब की दुलारी थी. उस की इच्छा पूरी करने के लिए मोहम्मद अमीन जैसेतैसे कर के उस की पढ़ाई का खर्चा उठा रहे थे. इंटरमीडिएट में दाखिला लेने के बाद पिता ने रूबीना के लिए उपयुक्त लड़का देखना शुरू कर दिया, ताकि इंटरमीडिएट पास करतेकरते वह उस की शादी कर दें. लेकिन रूबीना ने साफ कह दिया कि ग्रैजुएशन पूरा करने से पहले शादी नहीं करेगी.

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